Lakhimpur News : गोला गोकर्णनाथ मंदिर में छोटे कपड़े पहन कर जाने पर नहीं मिलेगी एंट्री, रील बनाने पर भी लगी पाबंदी

गोला गोकर्णनाथ मंदिर में छोटे कपड़े पहन कर जाने पर नहीं मिलेगी एंट्री, रील बनाने पर भी लगी पाबंदी
UPT | गोला गोकर्णनाथ मंदिर में छोटे कपड़े पहन कर जाने पर नहीं मिलेगी एंट्री

Apr 23, 2024 16:09

 खबर छोटी काशी यानी गोला गोकर्णनाथ के पुराने शिवमंदिर की है। जहां छोटे कपड़े पहनकर जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इस निर्णय को मंदिर की धार्मिक मर्यादा को देखकर लिया गया है...

Apr 23, 2024 16:09

Lakhimpur News : खबर छोटी काशी यानी गोला गोकर्णनाथ के पुराने शिवमंदिर की है। जहां छोटे कपड़े पहनकर जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इस निर्णय को मंदिर की धार्मिक मर्यादा को देखकर लिया गया है। लखीमपुर ज़िले में स्थित यह पौराणिक शिव मंदिर में अब स्टाइलिश बरमूडा, जींस, मिनी स्कर्ट इत्यादि पहनकर प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। बता दें नगर का पौराणिक शिव मंदिर हिंदू समाज की आस्था का प्रतीक है। सावन चैत्र मास में लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं।

इन चीजों पर लगाया प्रतिबन्ध
मंदिर परिसर में देखा गया है की भक्त दर्शन करने तो आते हैं। लेकिन स्टाइलिश कपड़े जैसे कटी -फटी जीन्स, मिनी स्कर्ट ,बरमूडा इत्यादि पहनकर आते हैं। इस बात को देखते हुए शिव मंदिर गोस्वामी प्रबंध समिति ने धार्मिक मर्यादा को देखते हुए ऐसे स्टाइलिश कपड़ो पर रोक लगा दी है साथ ही फ़ोन से फोटो, वीडियो और रील्स बनाने के लिए भी प्रतिबन्ध लगाई है।

मंदिर कमेटी अध्यक्ष ने दिया सुझाव
शिव मंदिर कमेटी अध्यक्ष जनार्दन गिरी ने यह सांझा किया की छोटी काशी के नाम से जाना जाता है ये मंदिर और यह मंदिर हमारे आस्था का प्रतिक है। तीर्थ स्थान की मर्यादा को लोग भूल चुके है, यहाँ लोग अमर्यादित तरीके से आते है। जिसके कारण उन्हें ऐसा निर्णय लेना पड़ा है।

Also Read

किडनी के मरीजों को कुपोषण से राहत, एसजीपीजीआई का डायलिसिस में नया अध्ययन कामयाब

23 Nov 2024 10:59 AM

लखनऊ Lucknow News : किडनी के मरीजों को कुपोषण से राहत, एसजीपीजीआई का डायलिसिस में नया अध्ययन कामयाब

आईडीपीएन थेरेपी ने मरीजों के शारीरिक और जैविक स्वास्थ्य में सुधार किया। मरीजों के शरीर के वजन, बांह की मांसपेशियों, सीरम ट्रांसथायरेटिन और एल्ब्यूमिन के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। इस चिकित्सा पद्धति को अंतिम चरण के किडनी रोग से पीड़ित मरीजों में कुपोषण के इलाज में प्रभ... और पढ़ें