भाइयों को अपनी बहन का शव कंधे पर लेकर रेलवे लाइन के किनारे-किनारे लगभग पांच किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। यह घटना तब सामने आई जब इसका वीडियो सोशल मीडिया...
बाढ़ की त्रासदी : चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में बहन की मौत, भाईयों ने 5 किमी ढोया शव
Jul 13, 2024 00:55
Jul 13, 2024 00:55
- बहन को आठ दिन पहले टाइफाइड हो गया था
- बाढ़ के कारण सारे रास्ते बंद हो गए थे
- दोनों भाई पांच किलोमीटर बहन का शव कंधे पर उठाकर चले
टाइफाइड का चल रहा था इलाज
दरअसल, मैलानी थाना क्षेत्र के ऐलनगंज गांव के दो भाई अपनी बहन के साथ पलिया में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। आठ दिन पहले उनकी बहन को टाइफाइड हो गया था और एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। बुधवार को शारदा नदी में आई बाढ़ ने शहर से बाहर निकलने के सभी रास्ते बंद कर दिए, जिससे वे बहन को बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल नहीं ले जा सके।
साधन नहीं मिलने पर शव को कंधे पर उठाया
गुरुवार को बहन की मृत्यु के बाद, परिवहन के साधन न मिलने पर, दोनों भाइयों ने शव को कंधे पर उठाकर गांव की ओर प्रस्थान किया। उन्होंने विभिन्न साधनों का उपयोग करते हुए अपनी यात्रा पूरी की - पहले तांगे से अतरिया तक, फिर पैदल, नाव से और अंत में गाड़ी से। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अगर परिवार ने उनसे सहायता मांगी होती तो वे जरूर मदद करते। पलिया के एसडीएम कार्तिकेय सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई विशेष जानकारी नहीं है।
मझगई में भी बच्ची ने दम तोड़ा
वहीं इस घटना से एक दिन पहले मझगई इलाके में दो वर्षीय बच्ची की एक दुखद घटना सामने आई, जिसमें समय पर उपचार नहीं मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई। दरअसल, मझगई के सेमरहिया गांव के निवासी राकेश दो वर्षीय बेटी को बुखार होने के कारण उसे उपचार के लिए कहीं ले जाने में मुश्किल हो रही थी। बाढ़ के कारण सड़कों पर पानी भर गया था और स्वास्थ्य टीम गांव तक नहीं पहुंच पा रही थी।
इस परिस्थिति में क्षेत्रीय लेखपाल ने बुधवार सुबह सलीमाबाद चौराहे पर बच्ची को ले जाने का कहा था, जहां उसे एंबुलेंस मिलने की बात कही गई थी। राकेश और उसकी पत्नी ने सुबह सात बजे चौराहे पर पहुंचकर बच्ची को लेकर इंतजार किया, लेकिन दुखद बात यह है कि एंबुलेंस का आगमन समय पर नहीं हुआ। जिसके बाद बच्ची की हालत गंभीर हो गई और उसकी मौत हो गई।
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