रात 12:30 बजे से लेकर 3:30 बजे तक चले इस अभियान में 8 बुलडोजरों का इस्तेमाल किया गया। प्रशासन ने खुद ड्रोन के जरिए निगरानी की और पूरी घटना का वीडियो शूट करवाया। ध्वस्तीकरण प्रक्रिया में सुरक्षा कारणों से केवल प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मी मौजूद थे।
अकबरनगर का 'दि एंड' : दिन में मंदिर टूटे, रात को मस्जिद और मदरसे, अब बनेगा रिवर फ्रंट
Jun 19, 2024 16:37
Jun 19, 2024 16:37
ऐसे गिराई पांच मंजिला इमारत
लखनऊ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों ने बताया कि तीनों इमारतों की ऊंचाई ज्यादा थी, इसलिए उन्हें सामान्य तरीके से गिराने में काफी समय लगता। यही कारण था कि इस विशेष तकनीक को अपनाया गया। मस्जिदों को गिराने की प्रक्रिया में पहले उनकी नींव को खोदा गया। इसके बाद एक-एक करके पिलरों को तोड़ा गया। एक ओर ऊंचा स्लैब बनाया गया। जब आखिरी पिलर को तोड़ा गया तो मस्जिदें धराशायी हो गईं। इस पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित और कुशलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
Lucknow : कोर्ट के आदेश पर अकबरनगर में कुकरैल नदी से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। अकबरनगर कल पूरी तरह खाली हो गया। मस्जिद और मकबरे पर रात 12.30 से 3.30 बजे तक 8 बुलडोजर चले। इसके साथ ही यहां करीब 1100 से ज्यादा पक्के मकान और झोंपड़ियां भी तोड़े गए हैं। यहां पर रिवर फ्रंट बनेगा।… pic.twitter.com/0QTKpZYHBt
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) June 19, 2024
आठ बुलडोजर गरजे, ड्रोन के जरिए निगरानी
रात 12:30 बजे से लेकर 3:30 बजे तक चले इस अभियान में 8 बुलडोजरों का इस्तेमाल किया गया। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से कार्रवाई के दौरान मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाने की अनुमति नहीं दी। हालांकि प्रशासन ने खुद ड्रोन के जरिए निगरानी की और पूरी घटना का वीडियो शूट करवाया। ध्वस्तीकरण प्रक्रिया में सुरक्षा कारणों से केवल प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मी मौजूद थे। आम लोगों को दूर हटाया गया था। इससे गुजरने वाले फ्लाईओवर का एक हिस्सा भी बंद कर दिया गया था। अधिकारियों का कहना है कि दोनों मस्जिदों और मदरसे सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए थे।
मंदिर भी तोड़े जा चुके
मस्जिदों को गिराने से पहले मंगलवार को ही प्रशासन ने अकबरनगर में स्थित दो मंदिरों को भी बुलडोजर से तोड़ दिया था। यह मंदिर भी सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए थे। अकबरनगर फेज-1 और 2 में अब अवैध अतिक्रमण को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। यहां से 1,169 आवासीय और 101 व्यावसायिक अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया है। भीखमपुरा इलाके में भी कुछ स्थायी अवैध निर्माण को गिराया गया। कुल मिलाकर 1,321 स्थायी और लगभग 1,800 अवैध निर्माणों को नष्ट किया गया है। इस प्रक्रिया से करीब 24.5 एकड़ भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है।
मैदान बना अकबरनगर
कभी सघन बस्ती के रूप में पहचाना जाने वाला अकबरनगर अब मैदान बन चुका है। लखनऊविकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अकबरनगर क्षेत्र में सभी अवैध निर्माण ध्वस्त किए जा चुके हैं। मलबा हटाने का काम चल रहा है। फेज 1 और फेज 2 में कुल 1320 अवैध निर्माण ढहा दिए गए। उन्होंने दावा किया कि धार्मिक प्रतीकों को हटाने के बाद स्थानीय लोगों की सहमति से धर्मस्थलों को ढहाया गया।
कैसे बस गया अकबरनगर
अकबरनगर कॉलोनी भूमाफियाओं द्वारा कुकरैल नदी और बांध के बीच बसाई गई थी। 2012 से 2017 के बीच इस इलाके में बहुमंजिला इमारतें और बड़े शोरूम बनाए गए थे। भूमाफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यहां अवैध कॉलोनियां भी बसाईं, जबकि इस क्षेत्र में रिहायशी और व्यावसायिक निर्माण की अनुमति नहीं है। अकबरनगर को खाली कराने के लिए दिसंबर 2023 से अभियान चलाया जा रहा था। अवैध निर्माणकर्ताओं ने इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिका दायर की, लेकिन उन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार की इस कार्रवाई को सही बताया।
अब क्या बनेगा
कुकरैल नदी के किनारे रिवरफ्रंट विकसित करना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है। इस परियोजना के तहत नदी के किनारे को 6 किलोमीटर तक विकसित किया जाएगा। कुकरैल जंगल में नाइट सफारी भी विकसित की जाएगी और लखनऊ चिड़ियाघर को भी यहीं स्थानांतरित किया जाएगा। इस रिवरफ्रंट को गुजरात की साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा और यहां 30 लाख से अधिक पेड़ लगाने की योजना है।
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