लखनऊ डीआरएम ऑफिस मर्डर केस : मुख्य अभियुक्त पप्पू सिंह और श्यामलाल यादव को आजीवन कारावास की सजा, 2016 में दिनदहाड़े मारी थी गोली

मुख्य अभियुक्त पप्पू सिंह और श्यामलाल यादव को आजीवन कारावास की सजा, 2016 में दिनदहाड़े मारी थी गोली
UPT | लखनऊ डीआरएम ऑफिस मर्डर केस

Oct 25, 2024 00:27

लखनऊ के डीआरएम ऑफिस में ठेकेदार आशीष पांडे उर्फ नाटू की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त पप्पू सिंह उर्फ कमल किशोर सिंह और श्यामलाल यादव को अदालत ने दोषी ठहराया है।

Oct 25, 2024 00:27

Lucknow News : लखनऊ के डीआरएम ऑफिस में ठेकेदार आशीष पांडे उर्फ नाटू की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त पप्पू सिंह उर्फ कमल किशोर सिंह और श्यामलाल यादव को अदालत ने दोषी ठहराया है। विशेष अदालत एडीजे-1 के न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने गुरुवार को इन दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, प्रत्येक पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इसके अलावा, अन्य धाराओं में भी अलग-अलग सजा सुनाई गई, जिनमें अतिरिक्त कारावास की सजा शामिल है।

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2016 में हुई थी हत्या
यह मामला साल 2016 का है, जब हजरतगंज स्थित डीआरएम ऑफिस में ठेकेदार आशीष पांडे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। पुलिस की जांच में यह सामने आया कि इस हत्या में मुख्य आरोपी पप्पू सिंह था, जो जौनपुर के माफिया अजीत सिंह की एबीएन कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए काम करता था। 

रंगदारी का विवाद बना हत्या की वजह
पुलिस पूछताछ में पप्पू सिंह ने खुलासा किया कि आशीष पांडे ने कंपनी को मिले ढाई करोड़ रुपए के टेंडर में जेल में बंद माफियाओं के लिए 5% कमीशन की मांग की थी। यह मांग सुरेंद्र कालिया के लिए की जा रही थी, जो माफिया गिरोह से जुड़ा था। पप्पू सिंह ने यह भी बताया कि जब उसने यह कमीशन देने से इनकार किया, तो आशीष और उसके साथियों ने उसकी पिटाई की। इसी दौरान बचाव के लिए पप्पू ने गोली चला दी, जिससे आशीष की मौत हो गई।



साजिश में कई लोग शामिल
हजरतगंज पुलिस ने इस हत्या के मामले में पप्पू सिंह समेत 7 लोगों के खिलाफ हत्या और साजिश रचने का मामला दर्ज किया था। पुलिस के अनुसार, इस हत्या की साजिश माफिया अजीत सिंह के शार्प शूटर नरेंद्र पहाड़ी ने रची थी।

घटना स्थल से बरामद इनोवा की गुत्थी
पुलिस को घटनास्थल से एक इनोवा कार भी बरामद हुई थी, जो चिनहट निवासी रोहित पाठक की थी। लेकिन बाद में रोहित ने आत्महत्या कर ली थी। इस इनोवा को फाइनेंस के तहत ऋषभ ने लिया था और बाद में इसे पप्पू सिंह को बेच दिया गया था। अदालत के फैसले के बाद अब इस मामले में दोषियों को सख्त सजा देकर न्याय की उम्मीद पूरी हुई है।

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