सिटी-सेंटर वाइज रिजल्ट जारी होने पर खुलासा : लखनऊ से सबसे ज्यादा निकले NEET के टॉपर, जानिए नोएडा-आगरा का क्या हाल

लखनऊ से सबसे ज्यादा निकले NEET के टॉपर, जानिए नोएडा-आगरा का क्या हाल
UPT | लखनऊ से सबसे ज्यादा निकले NEET के टॉपर

Jul 21, 2024 17:03

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने सेंटर और सिटी वाइज नीट रिजल्ट का डाटा किया था। इसका अध्ययन करने पर पता चला है कि देशभर में कुल 2321 छात्र ऐसे हैं, जिनहोंने परीक्षा में 700 या उससे अधिक अंक प्राप्त किया है।

Jul 21, 2024 17:03

Short Highlights
  • लखनऊ से सबसे ज्यादा निकले NEET के टॉपर
  • सिटी-सेंटर वाइज रिजल्ट जारी होने पर खुलासा
  • सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई
Lucknow News : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने सेंटर और सिटी वाइज नीट रिजल्ट का डाटा किया था। इसका अध्ययन करने पर पता चला है कि देशभर में कुल 2321 छात्र ऐसे हैं, जिनहोंने परीक्षा में 700 या उससे अधिक अंक प्राप्त किया है। इसमें भी सबसे ज्यादा संख्या लखनऊ के छात्रों की है। ये आंकड़े बताते हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बड़े शहर कोई मानक नहीं रखते हैं।

यूपी के इन शहरों से निकले टॉपर
नीट परीक्षा के सेंटर और सिटी वाइज रिजल्ट जारी होने के बाद ये पता चला है कि देशभर के 1404 केंद्रों के कुल 2321 छात्रों ने 700 या उससे अधिक अंक प्राप्त किए थे। इसमें सबसे ज्यादा संख्या लखनऊ के छात्रों की है। लखनऊ के 35 छात्रों ने 700 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसके अलावा कानपुर से 16, नोएडा से 14, आगरा से 13 और अलीगढ़ से 13 छात्रों ने भी ये करिश्मा कर दिखाया है।  वहीं अन्य राज्यों की बात करें तो कोलकाता से 27, लातूर से 25, नागपुर से 20, फरीदाबाद से 19, नांदेड़ से 18, इंदौर से 17, कटक से 16, कोल्हापुर से 14, पटियाला से 10 और बनासकांठा से 7 छात्रों ने 700 से अधिक अंक हासिल किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई
नीट की परीक्षा में धांधली के आरोप लग रहे हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा पर चल रही सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील हुड्डा ने बताया कि देश में कुल 1 लाख 8 हजार मेडिकल सीटें हैं, जिनमें से 56,000 सरकारी और 52,000 निजी मेडिकल कॉलेजों में हैं। उनका तर्क था कि यदि नीट का पुनः परीक्षण होता है, तो यह 23 लाख उम्मीदवारों के लिए नहीं, बल्कि केवल 1.08 लाख सीटों के लिए होगा। जिस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि केवल इसलिए कि 1 लाख छात्रों को प्रवेश मिलेगा, वे नीट के पुनः परीक्षण का आदेश नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि पुनः परीक्षण के लिए एक ठोस कारण होना चाहिए।

कोर्ट ने उठाए थे कई गंभीर सवाल
सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई के दौरान, CJI ने कुछ जरुरी सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि नीट पेपर लीक का माध्यम क्या था - क्या यह सोशल मीडिया के जरिए हुआ या किसी अन्य माध्यम से? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि पेपर लीक परीक्षा से कितना समय पहले हुआ और इससे कितने छात्र प्रभावित हुए। क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे यह पता लगाया जा सके कि पेपर लीक का लाभ किन-किन छात्रों को और कहां-कहां मिला। इस जानकारी के आधार पर, क्या केवल उन्हीं छात्रों के लिए नीट की पुनः परीक्षा आयोजित की जा सकती है? उधर सीबीआई ने एम्स पटना के चार डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। इन डॉक्टरों पर नीट पेपर लीक और परीक्षा में धांधली से जुड़े होने का आरोप है। जांच एजेंसी ने इन डॉक्टरों के कमरों को सील कर दिया है और उनके लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं।

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