लखनऊ के चौक सराफा बाजार में रविवार को जमकर होली खेली गई। यहां त्योहार के एक दिन पहले ही होली मना ली जाती है। सबसे खास बात यह है कि ये सिलसिला पिछले 100 सालों से अनवरत चलता आ रहा है।
100 साल से चली आ रही परंपरा : एक दिन पहले होली खेलते हैं व्यापारी, जानिए क्या है इसकी वजह
Mar 24, 2024 19:28
Mar 24, 2024 19:28
1 दिन पहले क्यों खेलते हैं होली?
दरअसल होली के दिन सभी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना होता है। ऐसे में लखनऊ के इस बाजार के कारोबारी एक दिन पहले ही अपने व्यापारी दोस्तों के साथ एक दिन पहले ही होली खेल लेते हैं। सभी एक दूसरे को रंग लगाकर गले मिलते हैं और कार्यक्रम खत्म होने पर गुझिया और अन्य पकवानों का भी मजा लेते हैं।
महिलाएं नहीं खेलती इसमें होली
आपको बता दें कि इस होली के खेल में महिलाएं शामिल नहीं होती है। करीब 100 साल पहले तत्कालीव व्यवसायी गोविंद वर्मा, गेंदा लाल माहेश्वरी, दिक्कन व राजनेता कन्हैया लाल महेंद्र आदि लोगों ने मिलकर इस परंपरा को शुरू किया था। तब से लेकर आज तक एक दिन पहले ही यहां होली खेली जाती है। इसमें महिलाओं और बच्चों पर रंग नहीं डाला जाता है।
फूलों की भी खेलते हैं होली
व्यापारी बताते हैं कि पहले यहां केवल रंगों से ही होली खेली जाती थी, लेकिन अब अबीर, गुलाल और फूलों की भी होली खेली जाती है। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले होली खेलने की परंपरा अब चौथी पीढ़ी निभा रही है। चौक के गोल दरवाजे से लेकर लगभग आधे किलोमीटर के दायरे में खूब अबीर और गुलाल उड़ाए जाते हैं।
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