लखनऊ के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने कमाल कर दिया है। एक व्यक्ति के पीठ में सरिया घुस गया। यह सरिया हृदय के बाएं आलिंद ( left atrium) में प्रवेश कर चुकी थी और दाएं वेंट्रिकल (right ventricle) से बाहर निकल गई थी। करीब पांच घंटे तक चली सर्जरी के बाद 54 वर्षीय व्यक्ति को बचा लिया गया।
विश्व में पहली बार हुई ऐसी Surgery : दिल के आर पार हो गया था सरिया, जटिल सर्जरी कर डॉक्टरों ने बचाई मरीज की जान
Apr 09, 2024 17:32
Apr 09, 2024 17:32
10 फीट ऊंची छत से गिर गए थे मुन्ने लाल
यह सर्जरी सुल्तानपुर के ई-रिक्शा चालक मुन्ने लाल शर्मा की की गई। मुन्ने लाल 27 मार्च को बाथरूम की सफाई करते वक्त करीब 10 फीट ऊंची छत से गिर गए थे। छत ढह गई थी और वह एक लोहे की छड़ पर जा गिरा, जो उसके दिल और फेफड़ों में घुस गई। गंभीर चोट के बावजूद वह खुद ई-रिक्शा चलाकर अपने गांव दुर्गापुर से 25 किमी दूर सुल्तानपुर के जिला अस्पताल तक आया था। वहां उनका शुरुआती इलाज हुआ और फिर उन्हें केजीएमयू रेफर कर दिया गया। केजीएमयू में ट्रॉमा टीम को यह तय करना था कि हृदय को रोके बिना या बाईपास मशीन का उपयोग किए बिना जटिल हृदय चोट को कैसे संभालना है।
मरीज का परिवार बाईपास मशीन का खर्च उठा सकता था
डॉ. वैभव जयसवाल ने कहा, मरीज के पास इतना भी समय नहीं था कि उसे कार्डियोलॉजी में स्थानांतरित कर दिया जाए और न ही मरीज का परिवार बाईपास मशीन का खर्च उठा सकता था, जिसके लिए 3 लाख रुपये की आवश्यकता होती है और इसमें समय लगता है। इसलिए, हमने बीटिंग हार्ट सर्जरी का विकल्प चुना।
पांच घंटे की प्रक्रिया में 75 सेमी लंबी सरिया निकाली
डॉ. वैभव जयसवाल और डॉ. यदुवेंद्र धीर ने मरीज का इलाज किया। उन्होंने कहा, इस तकनीक में हृदय-फेफड़े की मशीनों पर निर्भरता की तुलना में डॉक्टर की विशेषज्ञता की अधिक आवश्यकता होती है। लगभग पांच घंटे की प्रक्रिया में 75 सेमी लंबी सरिया का लगभग 45 सेमी हिस्सा काटकर निकाला गया और क्षतिग्रस्त हृदय और फेफड़े की मरम्मत की गई। डॉक्टरों ने बताया कि अगर सरिया को जल्दबाजी में हटाया गया तो गंभीर रक्तस्राव और खून के मिश्रण का खतरा था। इसलिए सावधानी से पहले बाएं आलिंद ( left atrium) को बंद किया और फिर दाएं वेंट्रिकल (right ventricle) की ठीक किया। मरीज ने पूरी तरह से ठीक होने से पहले तीन दिन वेंटिलेटर पर रखा गया और नौ दिन आईसीयू में बिताए। सोमवार को मुन्नेलाल को डिस्चार्ज कर दिया गया।
फेफड़ों में भी सरिया लगने से गहरे जख्म थे
इस Surgery के बारे में केजीएमयू के डॉ. वैभव जयसवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर बताया कि सुलतानपुर के दुर्गापुर निवासी रिक्शा चालक मुन्नेलाल 27 मार्च को अपने घर की सफाई करते समय बाथरूम की छत से गिर गए थे। इस दौरान फर्श पर पड़ा सरिया उनके सीने में धंस गया था। मरीज को KGMU लाया गया। यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद मुन्नेलाल को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। ट्रॉमा सेंटर में एक्स रे करने पर पता चला कि सरिया मरीज के दिल को भेदते हुए पार हो गया है। मरीज के फेफड़ों में भी सरिया लगने से गहरे जख्म हो गए थे।
विश्व में पहली बार हुई ऐसी Surgery“Under pressure, you don't rise to the occasion, you sink to the level of your training” The Cupid’s Heart for trauma Surgeon. Survival story happened with #Teamwork @kgmu_medical @aiims_newdelhi @acsTrauma @estesonline @iatsic @TraumaCareUK pic.twitter.com/UnYW1OpWEk
— Vaibhav Jaiswal (@DrVaibhavJ) April 8, 2024
डॉ. वैभव जयसवाल का दावा है कि 99 प्रतिशत मामलों में इस तरह के मरीज नहीं बच पाते हैं। ये दुनिया में पहला ऐसा केस है जिसमें दिल के आर पार सरिया जाने के बाद Surgery कर मरीज की जान बचा ली गयी। जापान में पहले भी इसी तरह की सर्जरी की गई थी, लेकिन उन्हें मरीज के दिल को रोकना पड़ा और दिल और फेफड़ों को बायपास करने के लिए एक मशीन का इस्तेमाल करना पड़ा।
सर्जरी में मौजूद डॉक्टरों की टीम
इस सर्जरी में ट्रॉमा सर्जन डॉ. वैभव, डॉ. यादवेंद्र, डॉ. शाहनवाज, डॉ. आकांक्षा, डॉ. एकता, डॉ. रामबित, डॉ. ताहिर, डॉ. अंजना मौजूद थे. जबकि एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के भी डॉक्टरों की टीम मौजूद रही।
Also Read
15 Oct 2024 04:22 PM
सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन प्रदान करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM POSHAN) के तहत प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक कुल उपलब्ध राशि का 80 प्रतिशत उपयोग करने में सफलता प्राप्त की है। और पढ़ें