योगी सरकार की 'जीरो टॉलरेंस नीति': वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ई-रिपोर्टिंग सिस्टम ऐप से 80 हजार से अधिक अपराधियों को सजा

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ई-रिपोर्टिंग सिस्टम ऐप से 80 हजार से अधिक अपराधियों को सजा
UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Nov 05, 2024 16:34

योगी सरकार प्रदेश में 'जीरो टॉलरेंस नीति' के तहत अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। यूपी पुलिस का अभियोजन निदेशालय न्यायालय में प्रभावी पैरवी करके अपराधियों को सजा दिला रहा है। अब तक 80,000 से अधिक अपराधियों को प्रभावी पैरवी के जरिये सजा दिलाई जा चुकी है।

Nov 05, 2024 16:34

Short Highlights
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 4 माह में 4,450 गवाहों की गवाही दर्ज
  • ई-रिपोर्टिंग सिस्टम से अपराधियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य 
Lucknow News : योगी सरकार प्रदेश में 'जीरो टॉलरेंस नीति' के तहत अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। यूपी पुलिस का अभियोजन निदेशालय न्यायालय में प्रभावी पैरवी करके अपराधियों को सजा दिला रहा है। अब तक 80,000 से अधिक अपराधियों को प्रभावी पैरवी के जरिये सजा दिलाई जा चुकी है। इसमें आधुनिक तकनीकों का अहम योगदान रहा है, जैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ई-रिपोर्टिंग सिस्टम, चिन्हित माफिया प्रबंधन प्रणाली और ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल, जिनकी मदद से अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में सफलता मिली है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाहों की गवाही और समय की बचत
अभियोजन विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल शुरू किया है, जिससे पुलिस और अन्य सरकारी कर्मचारियों के बयान उनके निवास स्थान पर ही दर्ज किए जा रहे हैं। इससे प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था में सुधार हुआ है, साथ ही सरकारी धन और समय की बचत भी हो रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 4 माह में 4,450 गवाहों की गवाही दर्ज की गई, जिससे 15 लाख रुपये की बचत हुई है और वार्षिक बचत का अनुमान 7 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, यह गवाही प्रक्रिया को तेज़ और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो रही है।


ई-रिपोर्टिंग सिस्टम से अपराधियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य 
अभियोजन विभाग ने ई-रिपोर्टिंग सिस्टम का उपयोग शुरू किया है, जिससे अपराधियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। हर केस का डाटा प्रोफाइल तैयार कर उसे कंप्यूटर सिस्टम में रिकॉर्ड किया जा रहा है, जिससे किसी भी गड़बड़ी या अस्पष्टता को दूर किया जा सकता है। यह सिस्टम सीएम डैशबोर्ड (दर्पण 2.0) से कनेक्ट है, जिससे मामलों की उच्च स्तरीय समीक्षा करना आसान हो गया है और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो रही है।

निदेशालय स्तर पर मॉनीटरिंग ऐप से अपराधियों पर नज़र
निदेशालय स्तर पर चिन्हित माफिया प्रबंधन प्रणाली मॉनीटरिंग ऐप का उपयोग किया जा रहा है, जिसके जरिये माफिया से संबंधित मामलों की दिन-प्रतिदिन प्रगति की गहन निगरानी की जाती है। इसके साथ ही, ई-आफिस प्रणाली के जरिये पेपरलेस और समयबद्ध कार्यवाही को पूरी तरह से अपनाया गया है। आने वाले 3 महीनों में इस प्रणाली को 18 परिक्षेत्रीय और 18 संयुक्त निदेशक अभियोजन कार्यालयों से जोड़े जाने का लक्ष्य है, जिससे कार्य में और गति आएगी।

ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में यूपी की अव्वल स्थिति
यूपी का अभियोजन निदेशालय ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर लगातार डाटा फीड कर रहा है, और अब तक 75 लाख से अधिक न्यायिक कार्यवाहियों का डाटा पोर्टल पर डाला जा चुका है। तीन साल से यूपी इस पोर्टल पर डाटा फीडिंग में पूरे देश में पहले स्थान पर है। इस प्रक्रिया में अधिकारियों को नए तकनीकी उपकरणों और सॉफ़्टवेयर के उपयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार हो रहा है और वे अधिक सटीक और प्रभावी तरीके से अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं।

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