इजरायली हमले में अपनी जान गंवाने वाले हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह की मौत के बाद शनिवार को लखनऊ में शिया समुदाय ने उनकी चालीसवां की मजलिस आयोजित की। इस मजलिस में बड़ी संख्य में लोगों ने हिस्सा लिया और इजराइल अमरीका के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।
Lucknow News : हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की याद में लखनऊ में हुई मजलिस
Nov 03, 2024 09:21
Nov 03, 2024 09:21
मौलाना यासूब अब्बास ने पढ़ाई मजलिस
मौलाना यासूब अब्बास ने अपने संबोधन में कुरान, पैगंबर हज़रत मोहम्मद और अहले बैत की शिक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमें हमेशा ज़ालिम का विरोध और मजलूम का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सैयद हसन नसरल्लाह ने इस्लामी शिक्षाओं का पालन करते हुए जीवन भर जालिम इस्राइल का विरोध और फिलिस्तीन के मजलूमों का समर्थन किया। मौलाना ने नसरल्लाह को मानवता के लिए दी गई कुर्बानी का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस्लाम के अनुसार शहीद कभी मरते नहीं हैं और सैयद हसन नसरल्लाह इसी तरह अमर हैं।
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इजरायल की जमकर हुई आलोचना
मजलिस के दौरान मौलाना यासूब अब्बास ने फिलिस्तीन और लेबनान पर इजरायल के हमलों की कड़ी निंदा की और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को नरसंहार का दोषी ठहराया। मौलाना ने इजरायल के हाल ही में ईरान पर किए गए हमले की भी आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को इजरायल को हथियार देना बंद करना चाहिए ताकि फिलिस्तीन और लेबनान में बेगुनाह महिलाओं और बच्चों का नरसंहार रोका जा सके।
नसरल्लाह की शान में पढ़े कसीदें
सैयद हसन नसरल्लाह की बहादुरी का जिक्र करते हुए मौलाना ने कहा कि उनकी बहादुरी ने सीरिया में आतंकी संगठन आईएसआईएस को हराने और हजरत जैनब के रौजे की रक्षा में अहम भूमिका निभाई। उनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस मजलिस में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष हुज्जत उल इस्लाम मौलाना साएम मेहंदी नकवी, मौलाना जाफर अब्बास, मौलाना इंतिजाम हैदर, मौलाना रजा अब्बास, मौलाना हसन मीरपूरी, मौलाना शरर नकवी, मौलाना लुकमान हैदर (बेंगलुरु) के साथ बड़ी संख्या में हजराते उलेमा, खोतबा, शोअरा, जाकिरीन, वाएजीन व बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत करके शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह को खिराज-ए-अकीदत पेश किया।
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