यूपी में चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने के मामले में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने अफसरों को पीछे छोड़ दिया है। चतुर्थ श्रेणी के 81 प्रतिशत कर्मियों ने संपत्ति का ब्योरा दिया है। वहीं, प्रथम श्रेणी के अधिकारियों में यह आंकड़ा 78 प्रतिशत है।
UP News : चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस मामले में अफसरों से आगे, 81 प्रतिशत ने दी अपनी अहम जानकारी
Sep 06, 2024 01:47
Sep 06, 2024 01:47
इतने राज्य कर्मियों को देना है ब्योरा
उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत प्रदेश के सभी श्रेणियों के 8,55,514 राज्य कर्मियों को अब अपनी चल-अचल संपत्ति का वार्षिक ब्योरा मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से देना है। योगी सरकार के सख्त रुख के बाद भी प्रथम श्रेणी समेत अन्य श्रेणियों के अधिकारी और बाबू संपत्ति की जानकारी देने में हीला-हवाली कर रहे हैं। वहीं, सरकार की सख्ती का असर चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों में अधिक देखने को मिल रहा है।
वेतन रोकने के निर्णय पर 74 प्रतिशत ने दी जानकारी
पिछले वर्ष 2023 तक चल-अचल संपत्ति का वार्षिक ब्योरा इस साल 31 जनवरी तक देना था। कार्मिक विभाग के आदेश के बावजूद भी ज्यादातर कर्मी संपत्ति बताने के लिए आगे नहीं आए। ऐसे में सरकार ने राज्य कर्मियों के अगस्त माह का वेतन रोकने का निर्णय किया, तब कहीं 74 प्रतिशत ने अपनी संपत्ति बताई।
वरिष्ठ अधिकारी ही कर रहे हीला-हवाली
राज्य के वरिष्ठ अधिकारी ही संपत्ति बताने में हीला-हवाली कर रहे हैं। प्रथम व द्वितीय श्रेणी के 11,112 अधिकारियों ने अभी तक अपनी संपत्ति की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर नहीं दी है। इसी तरह तृतीय श्रेणी में आने वाले 1,29,790 लिपिक बाबू सिपाही आदि ने भी संपत्ति नहीं बताई है। चतुर्थ श्रेणी के 2.07 लाख अनुसेवक, चालक, माली और सफाई कर्मियों आदि में से 39,023 को अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर देना है।
संपत्ति बताने वाले राज्य कर्मियों का श्रेणीवार ब्योरा
प्रथम श्रेणी के कुल 13740 अधिकारियों में 10,719 (78 प्रतिशत) ने ही संपत्ति की जानाकरी पोर्टल पर दी है। इसी तरह द्वितीय श्रेणी में आने वाले 40,868 कर्मियों में 32,777 (80 प्रतिशत), तृतीय श्रेणी के 5,86,459 कर्मियों में 4,56,669 (78 प्रतिशत) और चतुर्थ के 2,06,896 कर्मियों में 1,67,873 (81 प्रतिशत) ने संपत्ति का ब्योरा दिया है।प्रदेश के 1,85,215 (22 प्रतिशत) राज्य कर्मियों ने अभी तक अपनी संपत्ति की जानकारी पोर्टल पर नहीं दी है।
30 सितंबर तक आखिरी मौका
सरकार ने 31 अगस्त तक संपत्ति न बताने वाले 26 प्रतिशत राज्य कर्मियों को 30 सितंबर तक का एक और आखिरी मौका दिया है। सरकार ने इस बार अगस्त का वेतन तो दे दिया लेकिन संपत्ति की जानकारी नहीं देने वाले राज्य कर्मियों को सितंबर का वेतन नहीं दिया जाएगा।
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