यूपी एग्रीज परियोजना : प्रदेश सरकार और विश्व बैंक के बीच करार, मुख्य सचिव बोले- कृषि सेक्टर का प्रमुख केंद्र बनेगा राज्य

प्रदेश सरकार और विश्व बैंक के बीच करार, मुख्य सचिव बोले- कृषि सेक्टर का प्रमुख केंद्र बनेगा राज्य
UPT | यूपी एग्रीज परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन।

Jan 13, 2025 21:36

प्रदेश सरकार और विश्व बैंक के बीच यूपी एग्रीज परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव और विश्व बैंक की ओर से भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर श्री ऑगस्टे तानो कौमे ने हस्ताक्षर किए।

Jan 13, 2025 21:36

Lucknow News : प्रदेश सरकार और विश्व बैंक के बीच यूपी एग्रीज परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव और विश्व बैंक की ओर से भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर श्री ऑगस्टे तानो कौमे ने हस्ताक्षर किए। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में सुधार, उत्पादकता बढ़ाने और ग्रामीण उद्यमिता को सशक्त बनाना है।

परियोजना के क्रियान्वयन में सहायता 
मुख्य सचिव ने कहा कि यह दिन उत्तर प्रदेश के लिए ऐतिहासिक और अहम है। पौष पूर्णिमा के दिन यूपी एग्रीज परियोजना के तहत विश्व बैंक, भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग (Economic Affairs Department) और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच यह समझौता हुआ है। यह परियोजना लगभग 4000 करोड़ रुपये की है, जिसमें 3000 करोड़ रुपये का ऋण विश्व बैंक से प्राप्त होगा। यह ऋण 35 वर्षों में चुकाया जाएगा और इसमें लगभग सात वर्षों का मोरेटोरियम भी शामिल है, जिससे परियोजना के क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी।



उत्पादकता को बढ़ाकर राष्ट्रीय औसत तक लाने का लक्ष्य
मुख्य सचिव ने आगे बताया कि यह परियोजना मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों और बुंदेलखंड के 7 जिलों में लागू होगी जहां कृषि उत्पादकता कम है। इन जिलों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाकर राष्ट्रीय औसत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। इन क्षेत्रों में किसान समुदाय को बेहतर प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि उनकी कृषि उत्पादकता में सुधार हो सके।

फिशरीज सेक्टर में होंगे क्रांतिकारी बदलाव
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि फिशरीज (मत्स्य पालन) सेक्टर में उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं और इसे इस परियोजना में शामिल किया गया है। इस सेक्टर में नई तकनीकों का उपयोग करके परिवर्तनकारी सुधार किए जाएंगे, ताकि यहां की उत्पादकता में वृद्धि हो और इसे एक स्थिर और लाभकारी क्षेत्र में बदला जा सके।

कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने पर जोर
मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादों की वैश्विक बाजार में उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रतिवर्ष 40 मिलियन टन फल और सब्जियों का उत्पादन करता है, और इस उत्पादन का बड़ा हिस्सा विकसित देशों में निर्यात किया जा सकता है। इसके लिए जेवर एयरपोर्ट के पास एक एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन विकसित किया जाएगा, जहां कृषि उत्पादों की टेस्टिंग, पैकेजिंग और ट्रीटमेंट की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके बाद, इन उत्पादों को कारगो प्लेनों के माध्यम से विदेशों में निर्यात किया जाएगा।

कारगो प्लेनों के जरिए कृषि उत्पादों का निर्यात
मुख्य सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि कारगो प्लेनों के जरिए कृषि उत्पादों का निर्यात करने का यह प्रयास उत्तर प्रदेश में पहली बार हो रहा है। इससे पहले, कृषि उत्पादों को जलमार्गों या पैसेंजर प्लेनों में लादकर भेजा जाता था। अब इस नई व्यवस्था से राज्य के किसानों को वैश्विक बाजारों में अपने उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सकेगी।

राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों का मिलेगा साथ  
मुख्य सचिव ने परियोजना में शामिल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग, विश्व बैंक और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट (IRRI) के साथ भी साझेदारी की जा रही है। वाराणसी में स्थित IRRI का सेण्टर इस परियोजना में एक प्रमुख भागीदार के रूप में कार्य कर रहा है, जिससे परियोजना के उद्देश्य को पूरी तरह से सफल बनाने में मदद मिलेगी।

राज्य की अर्थव्यवस्था-कृषि क्षेत्र में बदलाव 
मुख्य सचिव ने कहा कि यूपी एग्रीज परियोजना राज्य की कृषि क्षेत्र में नया बदलाव लाएगी और उत्तर प्रदेश को देश के कृषि क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस परियोजना का प्रभाव न केवल राज्य की जीडीपी पर पड़ेगा, बल्कि इससे राज्य की 60 फीसदी आबादी की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा, क्योंकि अधिकांश लोग कृषि और ग्रामीण उद्यमिता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि में नए प्रयोगों को प्रोत्साहित करने के लिए इस परियोजना के तहत नवीनतम तकनीकी विधियों का उपयोग किया जाएगा, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा और वे अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकेंगे।

परियोजना के सफल क्रियान्वयन का आश्वासन
मुख्य सचिव ने इस परियोजना को मंजूरी देने के लिए विश्व बैंक का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस परियोजना को पूरी तरह से सुव्यवस्थित और सर्वोत्तम तरीके से लागू करेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार करना है, बल्कि ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना भी है।

उपस्थित अन्य वरिष्ठ अधिकारी
समारोह में प्रमुख सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स श्री अनुराग यादव, प्रमुख सचिव कृषि श्री आर.के. श्रीवास्तव, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के निदेशक श्री सिमरनदीप सिंह, परियोजना के टास्क टीम लीडर श्री विनायक घटाटे समेत अन्य भी समारोह में जुड़े और इस महत्वपूर्ण परियोजना के समर्थन का आश्वासन दिया।

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