डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें मोहित की मौत के कारणों का पता चलेगा। पुलिस का दावा है कि मोहित की तबीयत पहले से खराब थी और उसे समय पर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। पुलिस का कहना है कि आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
Lucknow Crime : पुलिस कस्टडी में व्यापारी की मौत पर हंगामा, इंस्पेक्टर सहित अन्य पर हत्या का केस दर्ज
Oct 27, 2024 08:52
Oct 27, 2024 08:52
सड़क पर जाम लगाकर किया प्रदर्शन
इस प्रकरण को शनिवार को पूरे दिन गहमागहमी जारी रही। दोपहर को मोहित के परिजन और अन्य लोग लोहिया संस्थान के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे, जहां उन्होंने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए इंसाफ की मांग की। परिजनों ने सड़कों पर जाम लगा दिया और प्रदर्शन को दबाने के प्रयास में पुलिस ने धक्का-मुक्की भी की।
मुआवजे और न्याय की मांग पर अड़े परिजन
परिजनों की मांग है कि मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा, एक सरकारी नौकरी, और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। परिजनों का कहना है कि उन्हें इंसाफ के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जबकि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
लॉकअप में पानी तक नहीं देने का आरोप
मोहित की मां तपेश्वरी देवी का कहना है कि उनके बेटे को पुलिस ने लॉकअप में बंद किया, जहां वह रातभर पानी की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मोहित को गंदगी भरे लॉकअप में रखा और उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। मोहित की तबीयत बिगड़ने पर भी उसे अस्पताल पहुंचाने में देरी की गई।
लॉकअप में पिटाई से हालत बिगड़ी
मृतक के भाई शोभाराम का कहना है कि पुलिस ने मोहित और उसे लॉकअप में बंद कर प्रताड़ित किया। शोभाराम ने बताया कि उनके भाई ने रातभर पानी मांगा और बार-बार नित्यक्रिया जाने के लिए आवाज लगाई, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी एक नहीं सुनी। उसके अनुसार, मोहित की पिटाई की गई, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें मोहित की मौत के कारणों का पता चलेगा। पुलिस का दावा है कि मोहित की तबीयत पहले से खराब थी और उसे समय पर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। पुलिस का कहना है कि आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वहीं परिजनों का कहना है कि यह मामला न्यायिक जांच के दायरे में लाकर दोषियों को सजा दी जानी चाहिए।
क्या है प्रकरण
मोहित का टाई बेल्ट का कारोबार है। उसके साथ गोंडा का रहने वाला आदेश टाई की सप्लाई का काम करता है। परिजनों का आरोप है कि आदेश आए दिन मोहित के घर से रुपये निकाल लेता था। इसको लेकर कई बार विवाद हो चुका था। शुक्रवार को आदेश के घर आने पर मोहित ने उसे काम से हटाने की बात कही। विवाद बढ़ने पर दोनों में हाथापाई हो गई। आदेश की शिकायत पर पुलिस रात में मोहित को घर से ले गई। बाद में थाने पहुंचने पर उसके बड़े भाई शोभाराम को भी लॉकअप में डाल दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने मोहित को जमकर पीटा जिससे उनकी जान चली गई।
पुलिस कस्टडी में मौत के बढ़ते मामले
लखनऊ में हाल ही में पुलिस कस्टडी में मौत के कई मामले सामने आए हैं। इससे पहले विकासनगर में अमन गौतम की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी, जिसके बाद भी इसी तरह की आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रियाएं आई थीं। इस मामले में चार पुलिस कर्मियों के खिलाफ बाद में एफआईआर दर्ज की गई। वहीं हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अमन की मौत के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। लगातार हो रही इन घटनाओं से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
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अखिलेश यादव ने कहा कि ध्यान दिया जाए तो पूरे उत्तर प्रदेश में और भी ऐसी घटनाएं मिल जाएंगी। उन्होंने कहा यह केवल अकेले लखनऊ का मामला नहीं है। ये लोग पुलिस से ही सरकार चलाना चाहते हैं। जब पुलिस से सरकार चलाई जाएगी तो क्या उम्मीद की जा सकती है। और पढ़ें