निगम अब अपनी बसों में डीजल के साथ यूरिया का मिश्रण इस्तेमाल कर रहा है, जिससे ईंधन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है। इसके लिए रोडवेज प्रशासन प्राइवेट फर्मों से यूरिया...
यूपी रोडवेज की नई पहल : बसों में यूरिया मिश्रण से बढ़ेगी ईंधन दक्षता, नई तकनीक से बढ़ेगा बसों का औसत मील
Aug 15, 2024 20:55
Aug 15, 2024 20:55
- उत्तर प्रदेश परिवहन निगम बसों में डीजल के साथ यूरिया का मिश्रण इस्तेमाल कर रहा है
- रोडवेज प्रशासन प्राइवेट फर्मों से यूरिया खरीद सकता है
- यूपी रोडवेज के पास कुल 12,700 बसें हैं
यूरिया के इस्तेमाल से बढ़ा औसत मील
इस समय, यूपी रोडवेज के पास कुल 12,700 बसें हैं, जिनमें से 9,700 निगम की अपनी हैं और 3,000 अनुबंधित हैं। इस बेड़े में 4,000 यूरो-4 और 3,000 यूरो-6 मॉडल की बसें शामिल हैं। इन आधुनिक बसों में डीजल के साथ यूरिया का मिश्रण इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे उनका औसत मील 3-4 किलोमीटर प्रति लीटर से बढ़कर लगभग 6 किलोमीटर प्रति लीटर हो गया है।
ऐसे होता है प्रयोग
यूरिया के उपयोग की यह प्रक्रिया काफी सरल होती है। प्रत्येक 100 लीटर डीजल पर लगभग 5-6 लीटर यूरिया मिलाया जाता है। बसों में डीजल टैंक के अलावा एक अलग यूरिया टैंक लगाया गया है। यूरिया का वर्तमान मूल्य लगभग 35-40 रुपये प्रति लीटर है, जिससे प्रति बस पर लगभग 240 रुपये का अतिरिक्त खर्च आता है।
यूपी रोडवेज के पास नहीं है अपना यूरिया प्लांट
हालांकि यूपी रोडवेज के पास अपना यूरिया प्लांट नहीं है, लेकिन निगम जल्द ही निजी फर्मों से पीपीपी मॉडल पर यूरिया खरीदने की योजना बना रहा है। इसके लिए शीघ्र ही टेंडर जारी किए जाएंगे। वर्तमान में टाटा और अशोक लीलैंड जैसी कंपनियां यूरिया की आपूर्ति कर रही हैं।
यूपी रोडवेज के पास हैं 12,700 बसें
उत्तर प्रदेश रोडवेज के बेड़े में कुल 12,700 बसें हैं, जिनमें 9,700 रोडवेज की बसें और 3,000 अनुबंधित बसें शामिल हैं। इन बसों में से 7,000 यूरो-4 और यूरो-6 मॉडल की हैं। यूरिया की लागत प्रति लीटर 35 से 40 रुपये के बीच होती है और 100 लीटर डीजल के लिए छह लीटर यूरिया का उपयोग किया जाता है। रोडवेज प्रशासन की योजना के अनुसार, बेड़े में 1,000 नई यूरो मॉडल बसें जोड़ी जाएंगी। इससे यूरिया की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है। वर्तमान में, बसों का औसत ईंधन खपत 6 किमी प्रति लीटर है।
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हालांकि यह इससे लागत प्रभावी प्रतीत होता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। बढ़ी हुई यूरिया खपत और नई बसों के शामिल होने से परिचालन लागत में वृद्धि की संभावना है। जो कि यात्री किराए में वृद्धि का कारण बन सकता है, हालांकि अधिकारियों ने अभी इस संभावना से इनकार किया है।
बसों के समग्र प्रदर्शन में होगा सुधार
यूपी रोडवेज के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर के अनुसार, निगम ने पहले अपना यूरिया प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई थी। लेकिन व्यवहार्यता रिपोर्ट के नकारात्मक आने के बाद, अब पीपीपी मॉडल पर खरीद ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने यह भी कहा कि यूरिया का उपयोग न केवल ईंधन दक्षता बढ़ाएगा बल्कि बसों के समग्र प्रदर्शन में भी सुधार करेगा।
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