ओम प्रकाश राजभर ने विधायक बेदी राम से पल्ला झाड़ा: बोले- अखिलेश यादव ने गठबंधन में सुभासपा से बनाया उम्मीदवार

बोले- अखिलेश यादव ने गठबंधन में सुभासपा से बनाया उम्मीदवार
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Jul 11, 2024 13:48

सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि विधायक बेदी राम से ही पूछ जा सकता है कि वह किसकी ओर से हमारे वहां भेजे गए। सपा इस विषय को अगर मुद्दा बना रही है तो मुझे हंसी आती है।

Jul 11, 2024 13:48

Short Highlights
  • विधानसभा चुनाव 2022 में सुभासपा ने अपने सिर्फ नेताओं को लड़ाया, अन्य को सपा के कहने पर दिए सिंबल
  • राजभर बोले- चुनाव हारने वाले नेता सपा का झंडा-टोपी लेकर कर रहे प्रचार
Lucknow News: पेपर लीक मामले में वायरल वीडियो के कारण चर्चा में आए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक बेदी राम की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। रेलवे ग्रुप डी की भर्ती के पुराने मामले में उनके खिलाफ जहां गैर जमानती वारंट जारी हुआ है, वहीं पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी अब उनसे कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। बेदी राम से जुड़े मामलों को लेकर ओम प्रकाश राजभर से लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं, ऐसे ने अब उन्होंने पार्टी विधायक से पल्ला झाड़ लिया है। राजभर ने गुरुवार को कहा कि बेदी राम भले ही उनके दल से विधायक हैं। लेकिन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें गठबंधन के समय हमारी सिंबल पर चुनाव लड़ाया था।

सपा को सवाल उठाने का अधिकार नहीं
ओम प्रकाश राजभर ने अपने बयान में कहा कि बेदी राम के खिलाफ कोर्ट से जो गैर जमानती वारंट ​जारी किया है, उसका नीट परीक्षा से लेना नहीं है। ये 2006 का पुराना मामला है। इसे लेकर वह कोर्ट में जा रहे थे, या नहीं, इससे हमारा मतलब​ नहीं है। कोर्ट का आदेश है, तो वह पालन करेंगे। लेकिन, इस प्रकरण को लेकर समाजवादी पार्टी को सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

राजभर ने सुभासपा के सिंबल पर लड़ने वाले सपा नेताओं के गिनाए नाम
राजभर ने कहा कि सपा इस विषय को अगर मुद्दा बना रही है तो मुझे हंसी आती है। जब 2022 में सुभासपा और सपा का गठबंधन था तो कई सपा ने अपने कई नेताओं को हमारी पार्टी के सिंबल पर टिकट लड़ाया था। राजभर ने कहा कि जौनपुर के जफराबाद विधानसभा से सुभासपा विधायक जगदीश नारायण राय कहने को सुभासपा विधायक हैं। लेकिन, सपा का झंडा, टोपी लेकर चलते हैं। समाजवादी पार्टी के लिए रसीद काटकर घूम रहे हैं। बस्ती की महादेवा सीट से विधायक दूध राम को भी सपा के कहने पर हमने टिकट दिया। इसी तरह मऊ विधानसभा सीट के सुभासपा विधयक अब्बास अंसारी के बारे में भी पूछा जा सकता है कि वह किस दल से हमारे वहां आए, किसके कहने पर उन्हें टिकट मिला। 

गठबंधन में इस शर्त पर दी गई सुभासपा को सीटें
सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि विधायक बेदी राम से ही पूछ जा सकता है कि वह किसकी ओर से हमारे वहां भेजे गए। उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उदयवीर सिंह इन सबके बीच में सुभासपा को सीटें तय किए जाने का निर्णय हुआ था। लेकिन, इसमें शर्त थी कि 14 सीटों पर सपा अपने नेताओं के नाम प्रत्याशी बनाने के लिए देगी और तीन सीटों पर सुभासपा अपने प्रत्याशी खड़े करेगी।

सुभासपा के इन तीन सीटों पर अपने नेताओं को दिया टिकट
राजभर ने कहा कि सपा ने सिर्फ तीन सीटों पर हमसे अपने नेताओं को प्रत्याशी बनाने को कहा। इस पर हमने संडीला, शिवपुर और जहूराबाद अपनी पार्टी नेताओं को उम्मीदवार बनाया। इनमें सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने, राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने शिवपुर और संडीला से सुनील अर्कवंशी ने चुनाव लड़ा, जबकि अन्य सीटों पर सपा नेताओं ने ही हमारे सिंबल पर अपने नेताओं को प्रत्याशी बनाया। इन लोगों के कारनामे देखिए, जो लोग चुनाव हार गए, वह अब समाजवादी पार्टी का झंडा लेकर घूम रहे हैं। निर्वाचन आयोग की नियमावली के मुताबिक भले ही जीते हुए लोग हमारी पार्टी के विधायक हों। लेकिन वह प्रत्याशी किसकी ओर से बनकर आए, ये समाजवादी पार्टी को बताना चाहिए। विधानसभा चुनाव 2022 में सपा ने गठबंधन के तहत सुभासपा को जहूराबाद, शिवपुर, जखनियां, रसड़ा, बेल्थरारोड, सलेमपुर, रामकोला, खड्डा, महाराजगंज सदर, घनघटा, शोहरतगढ़, महादेवा, संडीला, मिश्रिख, जफराबाद, अजगरा व मऊ सदर सीट दी थी।

बेदी राम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में विधायक बेदी राम और विपुल दुबे समेत 18 के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी 
इस बीच रेलवे ग्रुप डी की भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में सुभासपा विधायक बेदी राम और निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। इस मामले में विधायक बेदी राम और विपुल दुबे समेत 19 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। बेदी राम गाजीपुर की जखनिया सीट और विपुल दुबे भदोही की ज्ञानपुर सीट से निषाद पार्टी के विधायक हैं। विशेष न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने आरोपियों के अदालत में हाजिर नहीं होने पर यह वारंट जारी किया है। 

26 जुलाई तक गिरफ्तारी वारंट तामील करने का आदेश
इस प्रकरण में कोर्ट ने लखनऊ के कृष्णानगर इंस्पेक्टर को 26 जुलाई तक गिरफ्तारी वारंट तामील करने का आदेश दिए हैं। एसटीएफ ने फरवरी 2000 में बेदी राम और विपुल दुबे को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से रेलवे भर्ती ग्रुप डी की परीक्षा का प्रश्न पत्र बरामद होने का दावा किया था। जांच के बाद पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

बेदी राम पर पेपर लीक को लेकर कई मुकदमे दर्ज 
बेदी राम के 2022 में निर्वाचन आयोग के समक्ष दिए हलफनामे के अनुसार उन पर 2006 में लखनऊ के थाना कृष्णानगर में रेलवे भर्ती परीक्षा लीक का पहला मुकदमा हुआ था और अभी तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में रेलवे भर्ती के पांच, पुलिस भर्ती का एक और एमपीपीसीएस के दो मामले दर्ज हैं। वर्ष 2009 में जयपुर में एसओजी ने रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में बेदी राम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वहीं मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का पेपर लीक करने के मामले में भी एसटीएफ भोपाल उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है। इसी तरह 2006 में रेलवे का पेपर लीक करने के मामले में लखनऊ के थाना कृष्णानगर में बेदीराम पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जा चुका है। इसके बाद 2008 में रेलवे का पेपर लेकर आने में गोमती नगर थाने में भी एफआईआर दर्ज हुई थी। वर्ष 2014 में पेपर लीक करने के मामले में भी आशियाना में बेदी राम पर एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं 2014 में एसटीएफ गैंगस्टर एक्ट में बेदी राम की लखनऊ और जौनपुर की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है। साल 2010 में भी जौनपुर के मड़ियाहूं में बेदी राम पर पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी।

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