ओमप्रकाश राजभर ने छड़ी चुनाव चिह्न बदलने को लेकर पार्टी नेताओं की राय मांगी थी। इसके बाद सोमवार को नए चुनाव चिह्न की घोषणा की गई। अब पार्टी निर्वाचन आयोग में पत्र लिखकर अपने नए चुनाव चिह्न की जानकारी देगी।
UP Politics : ओम प्रकाश राजभर फिर चुने गए सुभासपा अध्यक्ष, छड़ी की जगह अब ये होगा चुनाव चिह्न
Aug 12, 2024 16:05
Aug 12, 2024 16:05
यूपी में संगठन को चार भागों में बांटा
सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश को चार भागों में बांटा गया है। चार क्षेत्रीय अध्यक्ष और एक प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ अलग-अलग विंग के संगठन बनाए जाएंगे, सबको जिम्मेदारी दी जाएगी। इस उद्देश्य से यहां समीक्षा बैठक हुई है। उन्होंने कहा अभी हमारी पार्टी ने एक महीने तक लगातार सदस्यता अभियान चलाया, जो लोग सक्रिय सदस्य बन चुके हैं, उन्हें हम लोगों ने पदाधिकारी के तौर पर जोड़ने का फैसला किया है।
हॉकी चुनाव निशान की वजह से सुभासपा के वोट हर बार हो रहे थे खराब
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि विगत लोकसभा चुनाव के साथ-साथ तमाम विधानसभा चुनाव में हम लोगों के विरोधियों ने पार्टी को साजिश के तहत कमजोर करने के लिए हॉकी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव चिह्न छड़ी से मिलने के कारण ऐसे प्रत्याशी 8 से 10 हजार वोट खराब करते हैं। इसको देखते हुए हम लोगों ने आज समीक्षा बैठक करके इसकी जगह चाबी चुनाव चिह्न अपनाने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि गरीब, कमजोर, वंचित, शोषितों को हक दिलाने के लिए, इनके विकास के लिए जो ताले बंद हैं, इनके हक, अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, नौकरी के लिए जो दरवाजे बंद हैं, उसके लिए हम लोगों ने अपना सिंबल चाबी चयन किया है और आज से हमारा सिंबल होगा।
22 सालों से छड़ी के सहारे नहीं खुल पाए वंचितों, शोषितों के दरवाजे
ओमप्रकाश राजभर ने यूपी में विधानसभा की 10 रिक्त सीटों पर इस बार बहुजन समाज पार्टी के भी मैदान में होने पर कहा कि वह राष्ट्रीय पार्टी है और अपने निर्णय के लिए स्वतंत्र है। लोकतंत्र में सबको लड़ने और ना लड़ने का भी अधिकार है। ये उनका विषय है। उन्होंने कहा कि हम लोग कमजोर, गरीब, पिछड़े, वंचित, शोषित, अल्पसंख्यकों की लड़ाई लड़ते हैं। इनको हक दिलाने की बात करते हैं, इनके जो दरवाजे 22 साल से हम लोगों ने खोलने का प्रयास किया है, वह छड़ी के सहारे नहीं खुल पाया है, इसलिए अब बंद ताले को खोलने के लिए हम लोग चाबी का इस्तेमाल शुरू करने जा रहे हैं।
अल्पसंख्यक के महाविद्यालयों को यूनवर्सिटी से किया जाएगा संबद्ध
ओमप्रकाश राजभर ने उपचुनाव को लेकर कहा कि सभी को सीट मांगने का हक है। इसलिए एनडीए में भी सहयोगी दल सीट मांग रहे हैं। इसमें कोई बुरी बात नहीं है। हम लोग मिलकर सभी सीटों पर जीतने का प्रयास करेंगे। उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को लेकर कहा कि अल्पसंख्यकों की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय खोलने को लेकर जमीन तलाशी जा रही है। अल्पसंख्यकों के महाविद्यालयों को इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध किया जाएगा। जिस तरह से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड है, उसी तर्ज पर माध्यमिक मदरसा बोर्ड बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह किसान सम्मान निधि की तर्ज पर बुनकर सम्मान निधि के रूप में 6000 दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। वहीं जिस तरह किसान को दुर्घटना बीमा का लाभ मिलता है, उसी तरह बुनकरों के लिए दुर्घटना बीमा के लिए हम लोग कोशिश करेंगे। इसके अलावा जिस तरह किसान को खाद, बीज, पानी, बिजली में छूट मिलती है, उसी तरह बुनकरों के भी उपयोग में आने वाले चीजों पर छूट दिलाने का प्रयास होगा।
छड़ी चुनाव चिह्न के कारण लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा था नुकसान
सुभासपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर के मुताबिक लोकसभा चुनाव में छड़ी चुनाव निशान होने की वजह से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा था। हार की समीक्षा में इसका खुलासा हुआ था। घोसी लोकसभा सीट अरविंद राजभर एनडीए के उम्मीदवार थे। उनके पक्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य नेताओं ने प्रचार किया। लेकिन, अरविंद राजभर सपा प्रत्याशी राजीव राय से बड़े मार्जिन से हार गए।
निर्दलीय उम्मीदवार को मिले सुभासपा समर्थकों के वोट
इस हार की समीक्षा में सामने आया कि घोसी से ही मैदान में उतरीं निर्दलीय प्रत्याशी लीलावती राजभर को 45 हजार से ज्यादा वोट मिले। लीलावती राजभर को हॉकी चुनाव चिह्न मिला था। यह चुनाव चिह्न छड़ी से बहुत ज्यादा मिलता जुलता था। सुभासपा नेताओं के मुताबिक छड़ी समझकर बड़ी संख्या में मतदाताओं ने हॉकी के सामने वाला बटन दबाया। छड़ी और हॉकी में मतदाताओं के कंफ्यूज होने का सुभासपा को नुकसान उठाना पड़ा।
चुनाव चिह्न बदलने को मांगी गई थी राय
इसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने छड़ी चुनाव चिह्न बदलने को लेकर पार्टी नेताओं की राय मांगी थी। इसके बाद सोमवार को नए चुनाव चिह्न की घोषणा की गई। अब पार्टी निर्वाचन आयोग में पत्र लिखकर अपने नए चुनाव चिह्न की जानकारी देगी। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय, प्रदेश, मंडल, जिला, विधानसभा और ब्लॉक स्तरीय पदाधिकारी शामिल रहे। बैठक में नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर भी निर्णय किया गया। साथ ही समीक्षा बैठक में आगामी उपचुनाव और अन्य कार्यक्रमों को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई।
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