26 जनवरी 2018 को कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी। इस दौरान इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल...
तिरंगा लेकर निकला था मेरा भाई इसलिए मार डाला : चंदन के हत्यारों पर कोर्ट के बाहर विवेक ने क्या कहा
Jan 03, 2025 16:23
Jan 03, 2025 16:23
लखनऊ : चंदन गुप्ता हत्याकांड में सात साल बाद मिला इंसाफ, 28 आरोपियों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा, सुनिए चंदन गुप्ता के भाई विवेक गुप्ता ने क्या कहा...#Lucknow #ChandanGuptaMurderCase #KasganjCase
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) January 3, 2025
Reporter -@MohdSamdi pic.twitter.com/866MZnaSO3
सात साल बाद मिला इंसाफ
लगभग सात साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद एनआईए की विशेष अदालत ने इस हत्याकांड में 28 आरोपियों को दोषी ठहराया। यह फैसला जस्टिस विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सुनाया। अदालत ने सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और उनके खिलाफ धारा 302 (हत्या), 307 (जानलेवा हमला), 147 (दंगा), 149 (गैर-कानूनी सभा) और तिरंगा अपमान निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
दोषी ठहराए गए आरोपी
एनआईए कोर्ट ने चंदन गुप्ता हत्याकांड में जिन 28 लोगों को दोषी ठहराया। उनमे आसिफ कुरेशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी ,असीम कुरैशी, शबाब, साकिब, मुनाजिर रफी, आमिर रफी, सलीम, वसीम, नसीम, बबलू,अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ, आसिफ जिम वाला, निशु, वासिफ, इमरान ,शमशाद, जफर, शाकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर ,जाहिद उर्फ जग्गा शामिल है। इन सभी को आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार के साथ दंगा), 307/149 (जानलेवा हमला), 302/149 (सामूहिक हत्या), 341 (गलत तरीके से रोकना), 336 (जीवन को खतरे में डालने वाला कृत्य), 504 (उकसाने), और 506 (धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया।
बरी किए गए आरोपी
कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दो आरोपियों नसरुद्दीन और असीम कुरैशी को बरी कर दिया। साथ ही एक अन्य आरोपी अजीजुद्दीन की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
क्या है चंदन गुप्ता हत्याकांड?
26 जनवरी 2018 को कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी। इस दौरान इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया। इसी बीच 22 वर्षीय चंदन गुप्ता को गोली मार दी गई। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश की लहर पैदा कर दी थी और यह मामला राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील बन गया था।
Also Read
5 Jan 2025 03:48 PM
उत्तर प्रदेश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। साल 2024 में भी ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान और इलाज में राज्य ने पहला स्थान प्राप्त किया है। राज्य को पिछले साल साढ़े छह लाख मरीजों का लक्ष्य दिया गया था, जबकि प्रदेश ने 6.73 लाख मरीजों की पहचान की। और पढ़ें