इस वर्ष सम्मेलन की थीम विश्व शांति एवं सद्भाव में पालि साहित्य का योगदान रखी गई है। सम्मेलन में देशभर से 800 से अधिक बौद्ध भिक्षु, आचार्य, विद्वान और उपासक भाग लेंगे।
पालि साहित्य सम्मेलन में जुटेंगे देश-विदेश के 800 से अधिक विद्वान बौद्ध शोध संस्थान में नौ नवंबर से होगा आगाज
Nov 02, 2024 20:41
Nov 02, 2024 20:41
पालि भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा
संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हरगोविंद कुशवाहा बौद्ध ने बताया कि हाल ही में 3 अक्टूबर 2024 को केंद्र सरकार ने पालि भाषा को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया है। यह पालि साहित्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित मंत्रिमंडल के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
पालि भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार पर चर्चा
सम्मेलन में देश-विदेश के विद्वान पालि साहित्य के शैक्षणिक और अनुसंधान संबंधित विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। साथ ही, पैनल चर्चा के माध्यम से पालि साहित्य के महत्व और इसकी वर्तमान प्रासंगिकता पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में पालि भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए योजनाओं पर भी चर्चा की जाएगी। केंद्र सरकार ने पालि भाषा को ‘क्लासिकल लैंग्वेज’ का दर्जा दिया है।
सांस्कृतिक-शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन
संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सिंह के अनुसार, सम्मेलन में शैक्षणिक सत्रों के साथ कई सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियां भी आयोजित होंगी। इनमें पालि पुस्तक मेला, पालि प्रदर्शनी, धम्मपद संगायन, धम्मपद सुलेखन प्रकल्प, शिल्प एवं कला प्रदर्शनी, आर्थिक जागरूकता कार्यक्रम, पुस्तक विमोचन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल हैं।
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