मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ साल में प्रदेश 8 हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन थर्मल पॉवर परियोजनाओं के जरिए करेगा। ऊर्जा के तीनों क्षेत्र पॉवर जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन पर सरकार का विशेष ध्यान है।
UP Assembly Session 2024 : पॉवर जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन हो रहा अपग्रेड, किसानों को ट्यूबवेल के लिए 60 हजार सोलर पैनल
Aug 01, 2024 20:19
Aug 01, 2024 20:19
सोलर पैनल से जुड़े किसानों के ट्यूबवेल
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में हो रहे बड़े निवेश और बड़ी आबादी के अनुसार हम अपने आप को अपग्रेड कर रहे हैं। 2017 में सत्ता में आने के समय 1 लाख 21 हजार मजरों में बिजली नहीं पहुंची थी, जिसे हमारी सरकार ने विद्युतिकरण किया। 1 करोड़ 76 लाख परिवारों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिए गए। 14 लाख से अधिक किसानों के पास ट्यूबवेल कनेक्शन थे, लेकिन बिजली के बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे थे। अप्रैल 2023 से, सरकारी और निजी ट्यूबवेल के लिए धनराशि का प्रावधान करते हुए बिजली बिल माफ कर दिए गए हैं। इसके अलावा, पुराने बकाया बिल के लिए वन टाइम सेटेलमेंट (ओटीएस) स्कीम लाई गई है। इसके बाद, ट्यूबवेल को सोलर पैनल से जोड़ा जाएगा, जिससे स्थाई समाधान मिलेगा। अब तक 60 हजार से अधिक सोलर पैनल किसानों को ट्यूबवेल के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।
लंबित राष्ट्रीय परियोजनाओं पर मिशन मोड में काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1972 में बनी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना लटकी हुई थी। उस समय योजना आयोग ने इसकी लागत 100 करोड़ रुपए रखी थी। हमारी सरकार बनने के बाद इस परियोजना पर मिशन मोड में काम किया गया। भूमि अधिग्रहण किया गया और प्रधानमंत्री से बात कर, पीएम कृषि सिंचाई योजना के जरिए धनराशि उपलब्ध कराई गई। 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना का लोकार्पण किया। इसके बाद नेपाल से सटे बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर जनपद के 14 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई व्यवस्था सुदृढ़ की गई है। बीते सात साल में 22 लाख हेक्टेयर भूमि के अतिरिक्त सिंचाई की व्यवस्था की गई है।
यूपी में बिजली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर का आभाव
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2016 में प्रदेश में बिजली की डिमांड प्रतिदिन 16 हजार मेगावाट थी, जो आज बढ़कर 31 से 32 हजार मेगावाट तक पहुंच चुकी है। इसके बावजूद पॉवर कॉर्पोरेशन अनवरत बिजली देने की कोशिश कर रहा है। 2017 से पहले बिजली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं था, गांवों में बिजली नहीं थी, उद्योग नहीं थे, ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं दिए जा रहे थे। आज हमने बिजली के कनेक्शन दिए, उद्योग लगाए, और बिजली की व्यवस्था बनाई है। जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसील मुख्यालय को 20 से 22 घंटे और ग्रामीण इलाकों को 18 से 20 घंटे बिजली दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के 31 जिलों में इस बार बारिश बहुत कम हुई है, जिससे हाइड्रो पावर में थोड़ी समस्या आई है।
जनता के हितों को ध्यान में रखकर किया जा रहा काम
सीएम योगी ने कहा कि पॉवर कॉर्पोरेशन को 46 हजार करोड़ रुपए सब्सिडी के रूप में दिए जा रहे हैं। यह पैसा अगर प्रदेश के विकास में लगे तो रिजल्ट कुछ और होंगे, इस सप्लिमेंट्री डिमांड में 2 हजार करोड़ रुपए पॉवर कॉर्पोरेशन को उपलब्ध कराने का प्रावधान है ताकि प्रदेश की जनता को अनवरत बिजली मिल सके। उपभोक्ताओं के हितों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हर डिस्कॉम की जिम्मेदारी तय की गई है। टोल फ्री नंबर 1912 को एक्टिव रखने के निर्देश हैं और हर फीडर की जवाबदेही तय की गई है।
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