रायबरेली में जन्म प्रमाण पत्र घोटाला : एटीएस और पुलिस ने गिरोह का किया पर्दाफाश, छह गिरफ्तार

एटीएस और पुलिस ने गिरोह का किया पर्दाफाश, छह गिरफ्तार
UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Aug 05, 2024 00:21

रायबरेली में फर्जी तरीके से हजारों की संख्या में बनाए गए जन्म प्रमाण पत्रों के मामले में एटीएस और कई जिलों की पुलिस टीम ने मिलकर एक बड़े अंतर्जनपदीय गिरोह का पर्दाफाश किया है।

Aug 05, 2024 00:21

Raebareli News : रायबरेली में फर्जी तरीके से हजारों की संख्या में बनाए गए जन्म प्रमाण पत्रों के मामले में एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड) और कई जिलों की पुलिस टीम ने मिलकर एक बड़े अंतर्जनपदीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस अभियान में गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। पूछताछ के बाद अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के किरण हाल में इस घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सलोन क्षेत्र में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला पहले ही उजागर किया जा चुका था। इस मामले में सलोन कस्बे के जनसेवा केंद्र के संचालक समेत चार लोगों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामला
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का यह मामला केवल रायबरेली तक सीमित नहीं था, बल्कि प्रदेश के कई जिलों के साथ-साथ केरल, वायनाड और अन्य प्रांतों से भी जुड़ा हुआ पाया गया है। इस फर्जीवाड़े के खुलासे के लिए प्रदेश के आठ जनपदों की एटीएस और पुलिस की संयुक्त टीमें जुटी रहीं।

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति
जांच के दौरान पता चला की गोविंद केशरी (दिलीप नगर धर्मशाला चौराहा, रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र), आकाश कसौधन (सियरासाथा, कोतवाली खलीलाबाद, जनपद संतकबीर नगर), सलमान अली उर्फ सलमान गुरु (नूरी मस्जिद, कोतवाली गोला बाजार, जनपद गोरखपुर), संजीव कुमार सिंह (अहिरौली डान, थाना सुजान, जिला कुशीनगर), वैभव उपाध्याय (सदर बाजार, कोतवाली प्रतापगढ़) और शाहनवाज (डिलरा रायपुर, थाना मुंडा पाण्डेय, जनपद मुरादाबाद) शामिल हैं। इन सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

इनके पास से पुलिस ने लैपटॉप, टैबलेट और अन्य सामान बरामद किया है। एसपी अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए इन फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल किया गया है। आवेदकों के फर्जी आईडी में हेराफेरी करके इन प्रमाण पत्रों से लोगों ने सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठाया है।

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ग्राम विकास अधिकारी की भूमिका
फर्जीवाड़े में मौजुद लोग ग्राम विकास अधिकारी की लॉगिन जानकारी का दुरुपयोग करते थे। सलोन ब्लॉक में तैनात ग्राम विकास अधिकारी ने अपना आईडी पासवर्ड जन सुविधा केंद्र संचालक को दे दिया था। इसके बाद केंद्र संचालक ने इस आईडी और पासवर्ड को जिले के साथ-साथ प्रदेश के कई जिलों और अन्य प्रांतों में बांट दिया। इससे प्रदेश के साथ-साथ कई प्रांतों में जन्म प्रमाण पत्र में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया।

जांच में शामिल टीमें
जन्म प्रमाण पत्र में किए गए फर्जीवाड़े की जांच के लिए बनारस, गोरखपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, बहराईच और प्रयागराज जिलों की पुलिस टीमें इस मामले की जांच में जुटी रहीं। फर्जीवाड़े के मामले का पर्दाफाश करने के लिए सलोन पुलिस के साथ एटीएस और कई जिलों की पुलिस लगातार अभियुक्तों की तलाश में रही। हालांकि, अभी भी कुछ लोग पुलिस की पकड़ से बाहर हैं और उनकी तलाश जारी है।

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