रहमानखेड़ा के गांवों में बाघ का आतंक इस कदर छाया हुआ है कि ग्रामीण घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। बच्चों की पढ़ाई रुक गई है, खेती-किसानी का काम ठप हो गया है, और दुकानें भी अधिकतर समय बंद रहती हैं।
बाघ की दहशत कायम : वन महकमे को चकमा देकर किया 11वां शिकार, पांच सदस्यों की नई टीम गठित
Jan 11, 2025 11:56
Jan 11, 2025 11:56
जंगल के अंदर घसीटकर शिकार ले गया बाघ
वन महकमे के अनुसार, मीठेनगर खड़ंजा मार्ग पर बाघ ने वनरोज का शिकार किया और उसे करीब तीन सौ मीटर जंगल के भीतर घसीटकर ले गया। प्रभागीय निदेशक डॉ. सितांशु पांडेय के अनुसार, बाघ के शिकार की पुष्टि हुई है। यह शिकार उसने एक दिन पहले किया, जिसकी अब जानकारी हुई है।
डायना और सुलोचना की नाकाम कोशिशें
इस बीच दुधवा से आई प्रशिक्षित हथिनी डायना और सुलोचना ने बाघ की तलाश में करीब तीन घंटे तक जंगल में कॉम्बिंग की, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। टीम को जंगल में बाघ के नए पगमार्क जरूर मिले हैं। वन विभाग का कहना है कि बाघ, जहां भी डायना और सुलोचना जाती हैं, वहां से दूरी बना लेता है। यह बाघ के चालाकी भरे व्यवहार को दर्शाता है।
जिंदगी ठप, डर का माहौल
रहमानखेड़ा के गांवों में बाघ का आतंक इस कदर छाया हुआ है कि ग्रामीण घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। बच्चों की पढ़ाई रुक गई है, खेती-किसानी का काम ठप हो गया है, और दुकानें भी अधिकतर समय बंद रहती हैं। लोगों के लिए यह स्थिति भयावह हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग हर दिन बाघ पकड़ने का दावा करता है, लेकिन वह दिन अभी तक नहीं आया। प्रशिक्षित हथिनी डायना और सुलोचना बाघ को ट्रैक करने में लगी हुई हैं। लेकिन, बाघ हर बार चकमा देकर दूसरी जगह चला जाता है। ग्रामीणों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वन विभाग वास्तव में इस आदमखोर बाघ को पकड़ने में सक्षम है।
बाघ पकड़ने में देरी के कारण बढ़ रही समस्या
वन विभाग का रेस्क्यू अभियान जितना लंबा खिंच रहा है, उतना ही ग्रामीणों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए इसे पकड़ने के लिए त्वरित और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।
बाघ पकड़ने को बनाई गई पांच सदस्यीय टीम
बाघ को पकड़ने के लिए अब वन विभाग ने एक नई पांच सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक लखनऊ, रेनू सिंह कर रही हैं। बाराबंकी के प्रभागीय निदेशक आकाशदीप वधावन, अवध लखनऊ के प्रभागीय निदेशक सितांशु पांडेय, अपर प्रभागीय निदेशक चंदन चौधरी और नामित पशु चिकित्सक भी इस समिति का हिस्सा हैं। यह समिति बाघ रेस्क्यू अभियान के लिए रणनीति तैयार करेगी और टीमों के बीच समन्वय स्थापित करेगी।
रेस्क्यू अभियान की जिम्मेदारी विशेषज्ञों के हाथ
समिति में शामिल बाराबंकी के प्रभागीय निदेशक आकाशदीप वधावन को वन्यजीवों के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में उनके नेतृत्व में बाघों की संख्या 59 तक पहुंच गई थी। उन्होंने 'ऑपरेशन भेड़िया' और 'ऑपरेशन तेंदुआ' में भी सराहनीय कार्य किया है। अब उनके अनुभव का उपयोग रहमानखेड़ा के इस बाघ को पकड़ने के लिए किया जाएगा।
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