बाघ ने अब किया नौवां शिकार : विशेषज्ञ बोले- आदमखोर होने की संभावना नहीं, बताई ग्रामीण इलाके में आने की वजह

विशेषज्ञ बोले- आदमखोर होने की संभावना नहीं, बताई ग्रामीण इलाके में आने की वजह
UPT | लखनऊ में अब तक नहीं पकड़ में आया बाघ

Jan 06, 2025 10:34

वन विभाग के अनुसार, यह बाघ संभवतः पीलीभीत या गोला गोकर्णनाथ की ओर से आया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि बाघ की उम्र पांच से छह साल के बीच हो सकती है। इस उम्र के बाघ अक्सर शिकार की तलाश में ग्रामीण इलाकों की ओर रुख करते हैं।

Jan 06, 2025 10:34

Lucknow News : रहमानखेड़ा के इलाके में पिछले एक महीने से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी बाघ वन महकमे के लिए अबूझ पहली बना हुआ है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी भारी भरकम टीम बाघ को पकड़ने में नाकाम साबित हुई है। अब दुधवा टाइगर रिजर्व से बुलाई गई हथिनी सुलोचना और डायना की मदद से भी तलाश जारी है, हालांकि अभी तक बाघ पकड़ से बाहर है। 

रेस्क्यू ऑपरेशन मेें आड़े आ रहा मौसम 
विशेषज्ञों के मुताबिक जिस तरीके से बाघ टीम को छकाने में लगा है, उसकी उम्र पांच से छह वर्ष होने की संभावना है। जंगल का इलाका बड़ा होने के कारण बाघ शिकार के बाद ओझल हो जाता है। मौसम की वजह से भी रेस्क्यू ऑपरेशन का समय कम है, कोहरे की वजह से दिक्कतें आ रही हैं। वन विशेषज्ञों की टीम बाघ का व्यवहार समझने की कोशिश कर रही है, जिसके आधार पर उसके सुरक्षित तरीके से पकड़ा जा सके। वन विभाग का दावा है कि बाघ के आदमखोर होने की संभावना बेहद कम है। 



ट्रैप कैमरों में बाघ की तस्वीर
इस बीच मंडौली गांव में बाघ ने छुट्टा सांड़ का शिकार कर इलाके में खौफ का माहौल पैदा कर दिया। यह बाघ का नौवां शिकार है। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के वक्त बेहता नाले के किनारे से सांड़ और बाघ की तेज आवाजें सुनाई दीं। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में घटनास्थल का निरीक्षण किया। टीम को नए पगचिह्न मिले, और ट्रैप कैमरे में बाघ की तस्वीर भी कैद हुई। हालांकि, विभाग बाघ के हमले की पुष्टि करने में हिचकिचा रहा है और इसे किसी अन्य हिंसक वन्यजीव का हमला बता रहा है।

मीठेनगर में मिले नए पगचिह्न
मीठेनगर गांव के पास मजार, तालाब और नाले के आसपास वन्यजीव विशेषज्ञों ने कॉम्बिंग की। इस दौरान बाघ के ताजा पगचिह्न मिले। बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए 10 नए ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, दो बड़े पिंजरे भी लगाए गए हैं ताकि बाघ को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

ग्रामीणों को दी गई सतर्कता की सलाह
दुधवा से लाई गई हथिनियां सुलोचना और डायना के साथ वन विभाग की टीम ने 5.30 घंटे तक जंगल में सर्च अभियान चलाया। हालांकि, बाघ नजर नहीं आया। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और घरों के आसपास रोशनी का प्रबंध करने की सलाह दी है।

ग्राम प्रधानों के साथ बैठक
काकोरी कोतवाली में वन विभाग और 11 ग्राम प्रधानों के साथ बैठक आयोजित की गई। डीसीपी पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव और नोडल अधिकारी चंदन चौधरी ने ग्रामीणों को बाघ से बचने के उपाय बताए। प्रधानों ने वन विभाग से स्पॉट टीम की संख्या बढ़ाने और सुरक्षा के कड़े इंतजाम की मांग की।

पीलीभीत-गोला गोकर्णनाथ की ओर से आया बाघ :
इस बीच वर्ष 2012 में रहमानखेड़ा में आए बाघ को रेस्क्यू करने वाले विशेषज्ञ प्रेमचंद्र पांडेय को दुधवा टाइगर रिजर्व से बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि हर बाघ का व्यवहार अलग होता है और इसे समझने में समय लगता है। इलाके का दायरा बड़ा होने के कारण बाघ को पकड़ने में समय लग रहा है। लेकिन, जल्द ही वह पकड़ा जाएगा। वन विभाग के अनुसार, यह बाघ संभवतः पीलीभीत या गोला गोकर्णनाथ की ओर से आया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि बाघ की उम्र पांच से छह साल के बीच हो सकती है। इस उम्र के बाघ अक्सर शिकार की तलाश में ग्रामीण इलाकों की ओर रुख करते हैं।

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