रिवाइव सीपीआर एप : हृदय रोगियों के लिए जीवनदायी पहल, एसजीपीजीआई-मुंबई के विशेषज्ञों ने मिलकर किया तैयार

हृदय रोगियों के लिए जीवनदायी पहल, एसजीपीजीआई-मुंबई के विशेषज्ञों ने मिलकर किया तैयार
UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Dec 20, 2024 09:30

एसजीपीजीआई के कॉर्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि यह एप हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच का अंतर सरल भाषा में समझाता है। साथ ही, यह 108 एंबुलेंस सेवा तक तुरंत पहुंचने में मदद करता है।

Dec 20, 2024 09:30

Lucknow News : संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) लखनऊ और मुंबई के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञों ने एक नई तकनीक विकसित करते हुए 'रिवाइव सीपीआर' नामक एप तैयार किया है। यह एप दिल के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव और मददगार निर्देश प्रदान करता है। 

कैसे काम करता है रिवाइव सीपीआर एप
यह एप नि:शुल्क उपलब्ध है और इसे स्मार्टफोन पर डाउनलोड किया जा सकता है। एप का मुख्य उद्देश्य कार्डियक अरेस्ट के दौरान मरीज की जान बचाना है। इसमें चरणबद्ध तरीके से सुझाव दिए जाते हैं, जिन्हें देखकर और सुनकर मरीज का इलाज तत्काल किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही समय पर इस एप का उपयोग करके मरीज की जान बचाई जा सकती है।



हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर समझाएगा एप
एसजीपीजीआई के कॉर्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि यह एप हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच का अंतर सरल भाषा में समझाता है। साथ ही, यह 108 एंबुलेंस सेवा तक तुरंत पहुंचने में मदद करता है। एप में एईडी (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर) लोकेटर की सुविधा भी है, जिससे मरीज के पास मौजूद एईडी लोकेशन की जानकारी तुरंत प्राप्त की जा सकती है।

भारत में हर साल 15 लाख जानें होती हैं प्रभावित
डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि भारत में हर साल 15 लाख से अधिक लोग अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। इनमें से केवल 1 प्रतिशत को ही समय पर बचाया जा सकता है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, इस एप को डिजाइन किया गया है, ताकि देश के हर कोने तक जीवन रक्षक तकनीक पहुंचाई जा सके। भारत में 70 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं, जिनमें 42.5 करोड़ लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। ऐसे में यह एप विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में कार्डियक अरेस्ट के मरीजों को समय पर इलाज मुहैया कराने में सहायक होगा। एप न केवल सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) की प्रक्रिया को आसान बनाता है, बल्कि नजदीकी एईडी मशीन के स्थान की भी जानकारी देता है।

एप तैयार करने में शामिल विशेषज्ञ
रिवाइव सीपीआर एप को तैयार करने में देश के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों का योगदान है। इसमें एसजीपीजीआई से डॉ. आदित्य कपूर, मुंबई से डॉ. यश लोखंडवाला, डॉ. मंजू सिन्हा और डॉ. ब्रायन पिंटो, और पुणे से डॉ. किंजल गोयल शामिल हैं। इन विशेषज्ञों ने मिलकर यह एप डिजाइन किया, ताकि हृदय रोग से जुड़ी समस्याओं पर जन जागरूकता बढ़ाई जा सके। बीते दिनों मुंबई में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में अभिनेत्री काजोल ने इस एप का उद्घाटन किया। उन्होंने इसे एक 'आवश्यक तकनीकी पहल' बताया, जो लाखों लोगों की जान बचाने में मदद कर सकती है। यह एप विशेष रूप से जीवन रक्षक तकनीक को हर व्यक्ति तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

एप के जरिए जागरूकता अभियान
डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि यह एप एक जन जागरूकता अभियान का हिस्सा है। एप को उपयोग में लाने से न केवल लोगों में हृदय रोगों के प्रति समझ बढ़ेगी, बल्कि समय रहते मदद पहुंचाने में भी आसानी होगी।

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