यूपी रेरा का क्रांतिकारी कदम : रियल एस्टेट में तकनीक के बूते पारदर्शिता बढ़ेगी, बिल्डरों पर लागू किया बड़ा फैसला

रियल एस्टेट में तकनीक के बूते पारदर्शिता बढ़ेगी, बिल्डरों पर लागू किया बड़ा फैसला
UPT | यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी।

Jul 18, 2024 21:23

प्राधिकरण ने सभी पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाओं को विशिष्ट क्यूआर कोड आवंटित करने का फैसला किया है, जो रियल एस्टेट उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Jul 18, 2024 21:23

Lucknow News : उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) ने रियल एस्टेट क्षेत्र में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। प्राधिकरण ने सभी पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाओं को विशिष्ट क्यूआर कोड आवंटित करने का फैसला किया है, जो रियल एस्टेट उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। गुरुवार को यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने यह जानकारी दी है।

नई पहल के प्रमुख पहलू
1. क्यूआर कोड का अनिवार्य प्रयोग :
यूपी रेरा ने 948 पंजीकृत परियोजनाओं को क्यूआर कोड आवंटित किए हैं। प्रोमोटरों को अब इन कोड को अपने सभी विज्ञापनों, ब्रोशर, और प्रचार सामग्री में प्रकाशित करना होगा।
2. उपभोक्ता सशक्तिकरण : उपभोक्ता अब अपने स्मार्टफोन से क्यूआर कोड को स्कैन करके परियोजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसमें भू-अभिलेख, स्वीकृत ले-आउट, निर्माण प्रगति, और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं।
3. धोखाधड़ी पर अंकुश : यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र में होने वाली संभावित धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा, क्योंकि उपभोक्ता अब आसानी से विज्ञापनों में किए गए दावों की सत्यता की जांच कर सकेंगे।
4. प्रोमोटरों की जवाबदेही : यह नई व्यवस्था प्रोमोटरों को अपने दावों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाएगी, जिससे उद्योग में विश्वास बढ़ने की उम्मीद है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
रियल एस्टेट विश्लेषक एडवोकेट मुकेश शर्मा का कहना है, "यह कदम उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट बाजार को और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाएगा। यह न केवल उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेगा, बल्कि लंबे समय में उद्योग की छवि में भी सुधार करेगा।" गौतमबुद्ध नगर विकास समिति की अध्यक्ष रश्मि पांडेय ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा, "यह घर खरीदारों के लिए एक बड़ी जीत है। अब वे बिना किसी बाहरी दबाव के स्वतंत्र रूप से सूचित निर्णय ले सकेंगे।"

क्या हैं चुनौतियां और आगे का रास्ता
1. तकनीकी बाधाएं : सभी उपभोक्ताओं के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की उपलब्धता न होना एक बाधा हो सकती है।
2. जागरूकता की कमी : उपभोक्ताओं को इस नई सुविधा के बारे में शिक्षित करना एक बड़ी चुनौती होगी।
3. प्रोमोटरों का प्रतिरोध : कुछ प्रोमोटर नियमों को लागू करने में लापरवाही बरतते हैं। जिससे इसके कार्यान्वयन में देरी हो सकती है।

लापरवाह बिल्डरों पर कार्रवाई होगी
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा, "हम इन मुद्दों से अवगत हैं और इनसे निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि यह व्यवस्था सुचारू रूप से लागू हो और इससे अधिकतम लाभ मिले। जो बिल्डर इस पहल के प्रति लापरवाह नजर आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

यूपी रेरा का यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। यह न केवल उपभोक्ताओं को सशक्त बनाएगा, बल्कि उद्योग में विश्वास और पारदर्शिता भी बढ़ाएगा। यदि सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नवाचार व्यवहार में कैसे काम करता है और क्या यह वास्तव में उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट बाजार में एक सकारात्मक बदलाव ला पाता है।

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