एसटीएफ ने खुलासा किया है कि आरओ-एआरओ पेपर भोपाल की प्रिटिंग प्रेस में छपने के बाद वहां से लीक किया गया था। प्रिटिंग प्रेस कर्मी की काफी दिनों से तलाश की जा रही थी। अब वह अन्य साथियों सहित दबोचा गया है।
RO-ARO Exam Paper Leak : भोपाल की प्रिटिंग प्रेस में छपा था पेपर, एसटीएफ ने छह आरोपियों को किया गिरफ्तार
Jun 23, 2024 23:22
Jun 23, 2024 23:22
- प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मदद से पेपर करवाया गया लीक
- काफी समय से कर्मचारी की एसटीएफ कर रही थी तलाश
11 फरवरी को एग्जाम से पहले पेपर सोशल मीडिया में हुआ वायरल
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विगत 11 फरवरी को आरओ-एआरओ परीक्षा का आयोजन किया था। इससे पहले ही सोशल मीडिया पर इसका पेपर वायरल होने लगा, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने परीक्षा निरस्त करते हुए जांच एसटीएफ के हवाले की। इसके बाद से ही एसटीएफ मामले के खुलासे में जुटी है। इसी कड़ी में एसटीएफ ने प्रयागराज के थाना कीडगंज क्षेत्रान्तर्गत परेड ग्राउण्ड से मिंटो पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग पर रविवार को इन लोगों को गिरफ्तार किया।
इन लोगों को एसटीएफ ने दबोचा
गिरफ्तार अभियुक्तों में प्रिटिंग प्रेस कर्मी सुनील रघुवंशी की एसटीएफ काफी समय से तलाश कर रही थी। सुनील मध्य प्रदेश के भोपाल का रहने वाला है और एसटीएफ को चकमा देने में सफल हो रहा था। अब उसको गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा बिहार के मधुबनी निवासी सुभाष प्रकाश, प्रयागराज के विशाल दुबे और संदीप पांडेय, बिहार के गया निवासी अमरजीत शर्मा और बलिया के विवेक उपाध्याय को एसटीएफ टीम पकड़ने में सफल हुई है।
दो तरीके से लीक कराया गया पेपर
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में सामने आया है कि परीक्षा के प्रश्नपत्र को दो तरीके से लीक कराया गया। पहला यह प्रश्नपत्र प्रयागराज स्थित बिसप जान्सन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज प्रयागराज के परीक्षा कार्य देखने वाले अर्पित विनीत यशवंत को मिलाकर कमलेश कुमार पाल उर्फ केके, डॉ शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला व अरूण सिंह ने लीक कराया। इन लोगों ने 11 फरवरी को परीक्षा शुरू होने के पहले सुबह लगभग 06.30 बजे परीक्षा केंद्र से ही मोबाइल फोन से पेपर स्कैन कर आउट करा लिया। इसमें इन सभी को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
प्रिटिंग प्रेस से पेपर हुआ लीक
इसके अलावा दूसरा प्रश्नपत्र प्रिटिंग प्रेस के कर्मी सुनील रघुवंशी को मिलाकर प्रिटिंग प्रेस से आउट कराया गया था। एसटीएफ के मुताबिक राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और प्रिटिंग प्रेस कर्मी सुनील रघुवंशी अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे। विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी वर्ष 2014 से 2017 तक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढ़े थे। सुनील रघुवंशी प्रिटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर नौकरी करने लगा। वहीं सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करता था।
सुशील रघुवंशी को दिया गया लालच
विशाल दुबे और राजीव नयन मिश्रा प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में इच्छुक छात्रों का एडमिशन कराने का काम करते थे। इसी सिलसिले में इन दोनों की सुभाष प्रकाश से जान-पहचान एवं दोस्ती हो गयी थी। विशाल दुबे को जब पता चला कि उसके साथ का पढ़ा हुआ सुनील रघुवंशी प्रिटिंग प्रेस में नौकरी करता है तो यह बात उसने मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल एवं सुभाष प्रकाश को बतायी। इस पर राजीव नयन मिश्रा ने इन दोनों से सुनील रघुवंशी के सम्पर्क में रहने को कहा। इसके बाद प्रेपर लीक आउट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को रुपए का लालच दिया गया।
एक अभ्यर्थी से 12 लाख रुपए में तय हुआ सौदा
सुनील रघुवंशी ने प्रश्नपत्र को उपलब्ध कराने के लिये 10 लाख रुपए की मांग की। इसके साथ ही उसने अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने पढ़वाये जाने की शर्त रखी, ताकि बड़े पैमाने प्रश्नपत्र वायरल न होने पाये, जिस पर राजीव नयन मिश्रा, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश तैयार हो गए। राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और उसके गैंग के सदस्यों ने प्रति अभ्यर्थी से 12-12 लाख रुपए तय किया था।
होटल में पेपर की फोटो कॉपी लेकर पहुंचा सुनील
इसके बाद 08 फरवरी को कोमल होटल पर विशाल दुबे अपने साथ संदीप पाण्डेय को लेकर पहुंचा। इसके बाद सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की छह-छह फोटो कापी कराकर वहां पहुंचा। सुभाष प्रकाश ने गाइड और मोबाइल फोन से प्रश्नपत्रों को हल कराया तथा वहां मौजूद अभ्यर्थियों को पढ़ाया गया। विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा अभ्यर्थियों को लेकर कोमल होटल पहुंचे थे, जिन्हें हल प्रश्नपत्र वहां पढ़ाया गया था।
ज्यादा लालच में पेपर कई लोगों तक पहुंचाया
अहम बात है कि सुभाष प्रकाश ने खुद भी परीक्षा का फार्म भरा था। इसी दौरान विशाल दुबे व सुभाष प्रकाश ने अपने मोबाइल फोन से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल को भेज दी। एसटीएफ के मुताबिक राजीव नयन मिश्रा ने ज्यादा रुपए कमाने के लालच में वह प्रश्नपत्र अपने गैंग के सदस्यों के साथ-साथ अपने अन्य एजेटों को भेजकर पढ़वाया और इस तरह से यह प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस गैंग में सरगना राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल की परिचित शिवानी भी शामिल है। शिवानी ही राजीव नयन मिश्रा के रुपए के लेन देन का काम देखती थी।
10 लोग पहले हो चुके हैं गिरफ्तार
इनमें एसटीएफ 10 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इनमं राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल, सौरभ शुक्ला, अरुण कुमार सिंह, डॉ. शरद सिंह पटेल, अमित सिंह, अर्पित विनीत यशवंत, अभिषेक शुक्ला, कमलेश कुमार पाल, रवि अत्री और विक्रम पहल शामिल हैं।
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