पथराव और आगजनी की घटनाओं के दौरान पेट्रोल और डीजल के दुरुपयोग की आशंका थी। इसी के चलते डीएम राजेंद्र पेंसिया ने सभी पेट्रोल पंपों पर खुले में ईंधन बेचने पर सख्त पाबंदी लगा दी है।
संभल हिंसा के बाद प्रशासन अलर्ट : डीएम ने लिया बड़ा फैसला, खुले में पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर लगाई रोक
Nov 27, 2024 17:49
Nov 27, 2024 17:49
पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर लगा रोक
पथराव और आगजनी की घटनाओं के दौरान पेट्रोल और डीजल के दुरुपयोग की आशंका थी। इसी के चलते डीएम राजेंद्र पेंसिया ने सभी पेट्रोल पंपों पर खुले में ईंधन बेचने पर सख्त पाबंदी लगा दी है। उन्होंने यह फैसला हिंसा को नियंत्रित करने और भविष्य में ऐसी किसी घटना को रोकने के लिए लिया गया है।
प्रशासन की सक्रियता और स्थिति सामान्य
मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने स्थिति पर अपडेट देते हुए बताया कि हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बल तैनात हैं और हालात नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा, “जिले में सामान्य स्थिति लौट रही है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कुछ दुकानें बंद हैं, लेकिन अन्य जगहों पर सामान्य गतिविधियां हो रही हैं।” प्रशासन ने हिंसा के मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। आयुक्त के अनुसार, पुलिस सबूत जुटा रही है और संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में और भी मामले दर्ज किए जा सकते हैं।
सर्वे के दौरान भड़क उठी थी हिंसा
रविवार को जामा मस्जिद परिसर में हो रहे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को हिंसा के संबंध में 25 लोगों को गिरफ्तार किया। हिंसा के बाद बाजार बंद कर दिए गए थे, हालांकि मंगलवार को कई इलाकों में दुकानें खुलती नजर आईं। घटना के बाद प्रशासन ने सोमवार और मंगलवार को इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया, जिससे नागरिकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
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विवाद की शुरूआत
यह विवाद 19 नवंबर को शुरू हुआ था जब हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए चंदौसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार सिंह की अदालत में दावा पेश किया था। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद मुगल काल में बने मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए एक आयोग गठित कर सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे करने वाली टीम ने 19 नवंबर को पहली बार मस्जिद का निरीक्षण किया था। रविवार को टीम दूसरी बार सर्वे करने पहुंची थी। विवाद हिंसा में बदल गया।
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