RTE : यूपी के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे पांच लाख से अधिक गरीब बच्चे, दो साल में सरकार ने भरी 436 करोड़ की फीस प्रतिपूर्ति

यूपी के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे पांच लाख से अधिक गरीब बच्चे, दो साल में सरकार ने भरी 436 करोड़ की फीस प्रतिपूर्ति
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Nov 07, 2024 16:43

पिछले दो वर्षों में प्रदेश सरकार ने बच्चों की शिक्षा के लिए 436 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति की है। इससे न केवल विद्यालयों को सहायता मिली है बल्कि यह सुनिश्चित किया गया है कि गरीब बच्चों को शिक्षा के अवसर मिलें और वे बिना किसी बाधा के आगे बढ़ सकें।

Nov 07, 2024 16:43

Lucknow News : प्रदेश में गरीब और वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में उठाए कदमों के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। शैक्षिक सत्र 2022-23 में 71,214 बच्चों के मुकाबले सत्र 2024-25 में 1,14,196 बच्चों का आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत नामांकन हुआ है। इस तरह प्रदेश के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के ग्राफ बढ़ा है। वर्तमान में राज्यभर के पांच लाख से अधिक बच्चे निजी विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

फीस प्रतिपूर्ति में 436 करोड़ रुपये का निवेश
पिछले दो वर्षों में प्रदेश सरकार ने बच्चों की शिक्षा के लिए 436 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति की है। इससे न केवल विद्यालयों को सहायता मिली है बल्कि यह सुनिश्चित किया गया है कि गरीब बच्चों को शिक्षा के अवसर मिलें और वे बिना किसी बाधा के आगे बढ़ सकें।



आरटीई योजना का विस्तार और डिजिटल नामांकन प्रक्रिया
प्रदेश सरकार ने आरटीई योजना को व्यापक रूप से लागू करने के लिए वर्ष 2017 से लगातार प्रयास किए हैं। एनआईसी (नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर) द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया, जिससे नामांकन प्रक्रिया को डिजिटल और अधिक पारदर्शी बनाया गया। वर्ष 2020-21 से योजना का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में भी किया गया, जिससे राज्य के अधिक से अधिक बच्चे इस सुविधा का लाभ उठा सकें।

आरटीई के तहत नामांकन को आवेदन की शुरुआत 1 दिसंबर से
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि सत्र 2025-26 के लिए नामांकन प्रक्रिया को चार चरणों में बांटा गया है। आवेदन की शुरुआत 1 दिसंबर से होगी और प्रत्येक चरण की अंतिम तिथि 19 तारीख रहेगी। आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लॉटरी और नामांकन की तिथियां पहले से निर्धारित हैं। इस प्रक्रिया में कोई देरी न हो, इसके लिए अभिभावकों की सहायता को हेल्पडेस्क स्थापित किए गए हैं। साथ ही, एनएसएस और एनसीसी के स्वयंसेवकों की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

दस्तावेज आसानी से उपलब्ध कराने पर जोर
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि सरकार की पहल से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हों, जिससे नामांकन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या न हो। यह कदम प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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