ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने कहा कि धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादों के स्थायी समाधान के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाई जानी चाहिए, जो न्याय और पारदर्शिता पर आधारित हो। यह नीति देश में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द को बनाए रखने में सहायक होगी।
संभल हिंसा : पसमांदा मुस्लिम महाज ने मोहन भागवत का बयान दिलाया याद, कहा- न्यायिक प्रक्रिया का निष्पक्ष होना जरूरी
Nov 25, 2024 19:35
Nov 25, 2024 19:35
सभी पक्षों को बिना सुने निर्णय पर पहुंचना कानून के मूल सिद्धांतों के विपरीत
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने सोमवार को कहा कि सदर शाही मस्जिद को हरिहर मंदिर घोषित करने और मुस्लिम पक्ष को बगैर सुने सर्वे प्रक्रिया किए जाने के कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। हिंसा में लोगों की मौत और पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य लोगों के घायल होने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। ऐसे संवेदनशील मामलों में न्यायिक प्रक्रिया का निष्पक्ष और पारदर्शी होना बेहद जरूरी है। बिना सभी पक्षों को सुने किसी भी निर्णय पर पहुंचना न्याय और कानून के मूल सिद्धांतों के विपरीत है।
हिंसा या उकसावे के लिए जिम्मेदार लोगों पर हो सख्त एक्शन
महाज ने कहा कि हालांकि, न्यायिक प्रक्रिया का विरोध संविधान सम्मत और शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए था। जो लोग हिंसा या उकसावे के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, पुलिस को भी संयम और निष्पक्षता के साथ कार्य करना चाहिए था। महाज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का समर्थन करता है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'हर मस्जिद में शिवलिंग और मंदिर तलाशना उचित नहीं है।' ऐसे संतुलित और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण समाज में सौहार्द और संवाद को बढ़ावा देते हैं।
सभी समुदायों से संयम बरतने-शांति बनाए रखने की अपील
संगठन ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। यह घटना उन तत्वों की साजिश हो सकती है, जो समाज में नफरत और विभाजन फैलाना चाहते हैं। महाज सभी समुदायों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील करता है। धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादों के स्थायी समाधान के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाई जानी चाहिए, जो न्याय और पारदर्शिता पर आधारित हो। यह नीति देश में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द को बनाए रखने में सहायक होगी। संगठन ने कहा घटना की निष्पक्ष जांच करवाई जाए, जिससे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके चाहे वे किसी भी समुदाय से हों। साथ ही प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा और सहायता प्रदान की जाए। सामाजिक संगठन और धार्मिक नेता सभी समुदायों के बीच संवाद स्थापित कर शांति और सहिष्णुता का संदेश फैलाएं ताकि समाज को विभाजित करने वाले तत्वों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।
विवादों के स्थायी समाधान को ठोस कदम उठाना जरूरी
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने कहा कि धर्म का असली उद्देश्य मानवता, एकता, और शांति को बढ़ावा देना है। संभल की घटना यह चेतावनी देती है कि समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसे विवादों के स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। महाज सभी नागरिकों से अपील करता है कि वे संयम बरतें और देश में शांति और सौहार्द बनाए रखने में अपना योगदान दें।
हिंसा के आरोप में अब तक 21 गिरफ्तार
संभल में रविवार को भड़की हिंसा में पांच युवकों की मौत हो गई। सीओ अनुज चौधरी और एसपी के पीआरओ को गोली लगी है। एसपी समेत कुल 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। डीआईजी मुनिराज जी ने बताया कि हिंसा के आरोप में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, 400 से अधिक अज्ञात और नामजद लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने एक दिसंबर तक जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने की बात कही गई है।
उपद्रवियों की फायरिंग से हुई मौत
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के मुताबिक पुलिस ने उपद्रवियों को काबू करने के लिए पहले आंसू गैस के गोले छोड़े और जब भीड़ नियंत्रित नहीं हुई तो रबर बुलेट चलाई गईं। वहीं उपद्रवियों ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसमें लोगों की मौत हुई। दो लोगों के शरीर में गोली लगने के निशान मिले हैं। गोली उनके शरीर से पार निकल गई। वहीं तीसरे मृतक के शरीर में 315 बोर की गोली मिली है। जहां उपद्रवियों ने बवाल किया है वहां की सीसीटीवी फुटेज चेक कराई जा रही है।
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