एसजीपीजीआई में मंगलवार को संविदा कर्मियों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। करीब 250 संविदा कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन के सामने इकट्ठा होकर पीजीआई प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
एसजीपीजीआई : आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, बढ़ा हुआ वेतन लागू करने की मांग
Sep 17, 2024 14:39
Sep 17, 2024 14:39
क्या है पूरा मामला
अगस्त महीने में हुई गवर्निंग बॉडी की बैठक में संविदा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे 1 अगस्त से लागू किया जाना था। इसके बावजूद 3 सितंबर को अचानक संस्थान के निदेशक ने इस आदेश को रोकने का फैसला जारी कर दिया। इस फैसले से नाराज संविदा कर्मियों ने प्रदर्शन का रास्ता अपनाया और कामकाज ठप कर दिया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि इससे पहले एसजीपीजीआई के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने राज्यपाल, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को भी पत्र भेज कर अपनी पीड़ा बताई थी। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
कर्मचारियों का आरोप
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की और संस्थान के हर आदेश का पालन किया। लेकिन, कई सालों बाद उनके वेतन में की गई बढ़ोतरी को अचानक रोक दिया गया, जिससे उनमें आक्रोश फैल गया है। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें पहले ही इस हड़ताल के बारे में जानकारी दी गई थी, पर संस्थान प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
संविदा कर्मियों में डाटा इंट्री ऑपरेटर, पेशेंट हेल्पर और अटेंडेंट सहित 13 विभिन्न संवर्गों के कर्मचारी शामिल हैं। उनका कहना है कि वे तब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं और बढ़ाया गया वेतन लागू नहीं होता। संस्थान प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
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