Lucknow News : अवैतनिक अवकाश लेकर दूसरे काम में लगे शिक्षामित्र, 50 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित, कार्रवाई नहीं होने पर सवाल

अवैतनिक अवकाश लेकर दूसरे काम में लगे शिक्षामित्र, 50 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित, कार्रवाई नहीं होने पर सवाल
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Jan 15, 2025 15:56

लखनऊ मंडल में कुल 12,000 शिक्षामित्र तैनात हैं। लेकिन, इनमें से 270 शिक्षामित्र महीनों से अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं। प्रधानाध्यापकों का आरोप है कि ये शिक्षामित्र अन्य कार्यों में संलग्न हैं। उनकी प्राथमिकता यह है कि किसी तरह नौकरी बनी रहे ताकि भविष्य में सरकार की ओर से मिलने वाले किसी भी लाभ का फायदा उन्हें मिल सके।

Jan 15, 2025 15:56

Lucknow News : प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शिक्षामित्रों को अहम जिम्मा सौंपा है। कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के बीच शिक्षामित्र अपने बलबूते पर बेहतर शिक्षण कार्य कर रहे हैं। लेकिन, लखनऊ मंडल के सरकारी स्कूलों में कई शिक्षामित्र काफी समय से छुट्टी लेकर घर पर बैठ गए हैं। इन शिक्षामित्रों के शिक्षण कार्य से दूरी बनाने के कारण स्कूल व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वहीं इन पर कार्रवाई नहीं होने से भी सवाल उठ रहे हैं।

प्रधानाध्यापकों के भेजी शिकायतों पर नहीं हुई कार्रवाई
लखनऊ मंडल में तैनात करीब 270 शिक्षामित्र लंबे समय से अवैतनिक अवकाश पर हैं। इनकी गैरमौजूदगी के चलते 50,000 से अधिक बच्चों की पढ़ाई पर गहरा असर पड़ रहा है। विद्यालयों में स्टाफ की कमी के कारण शैक्षणिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, उन्नाव और रायबरेली जैसे जिलों में स्थिति एक जैसी बनी हुई है। प्रधानाध्यापकों की ओर से इस संबंध में विभाग को शिकायतें भी भेजी गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।



मंडल में 12,000 शिक्षामित्र, 270 लंबे समय से अनुपस्थित
लखनऊ मंडल में कुल 12,000 शिक्षामित्र तैनात हैं। लेकिन, इनमें से 270 शिक्षामित्र महीनों से अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं। प्रधानाध्यापकों का आरोप है कि ये शिक्षामित्र अन्य कार्यों में संलग्न हैं। उनकी प्राथमिकता यह है कि किसी तरह नौकरी बनी रहे ताकि भविष्य में सरकार की ओर से मिलने वाले किसी भी लाभ का फायदा उन्हें मिल सके। ऐसे में उन्होंने अवैतनिक अवकाश के जरिए बीच का रास्ता निकाला है।

50 हजार बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा प्रभाव
270 शिक्षामित्रों की अनुपस्थिति के कारण लगभग 50000 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई का भार अन्य शिक्षकों पर बढ़ गया है। इससे न केवल शिक्षण का स्तर गिरा है, बल्कि छात्रों की शिक्षा के प्रति रुचि भी कम हो रही है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन का कहना है कि शिक्षामित्रों की अनुपस्थिति से स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। भले ही यह पद भरे हुए दिखाई दें। लेकिन, वास्तविकता यह है कि शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

नहीं बढ़ा मानदेय, जीवनयापन को दूसरे काम से जुड़े शिक्षामित्र
लखनऊ मंडल के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अनुपस्थित शिक्षामित्रों की सूची तैयार की है। आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न जिलों में अनुपस्थित शिक्षामित्रों की स्थिति पर नजर डालें तो इनमें लखनऊ में 42, हरदोई में 1, रायबरेली में 36, सीतापुर में 45, उन्नाव में 28 और लखीमपुर खीरी में 48 शिक्षामित्र शामिल हैं। 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद से हटाकर उनके मूल पद पर वापस कर दिया गया। तब से इनका मानदेय मात्र 10,000 प्रति माह है। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के महामंत्री कौशल कुमार सिंह कहते हैं कि इतने कम मानदेय में जीवनयापन करना कठिन हो गया है, जिसके कारण शिक्षामित्र अन्य कार्यों की ओर रुख कर रहे हैं।

सेवाएं समाप्त करने की तैयारी
लखनऊ मंडल के एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से अनुपस्थित शिक्षामित्रों की सूची मांगी गई है। जो शिक्षामित्र बार-बार अवकाश ले रहे हैं, उनकी सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि शिक्षाविदों का मानना है कि शिक्षामित्रों की समस्या और उनके मानदेय की समस्या का हल निकालने की जरूरत है। शासन स्तर पर जो भी कार्रवाई की जाए, वह नियमों के मुताबिक तो सही हो सकती है। लेकिन, समस्या का समाधान नहीं है। वहीं शिक्षामित्र संगठन कहते हैं कि यदि उनको उनके काम के अनुसार उचित वेतन और सुविधाएं मिलेंगी, तो वे अपनी जिम्मेदारी को और अधिक गंभीरता से निभा पाएंगे। इसके साथ ही छात्रों की शिक्षा व्यवस्था भी बेहतर होगी।

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