युवाओं पर मानसिक रोग की दवाओं का साइड इफेक्ट : केजीएमयू के अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे, ये लापरवाही पड़ेगी महंगी

केजीएमयू के अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे, ये लापरवाही पड़ेगी महंगी
UPT | युवाओं पर मानसिक रोग की दवाओं का साइड इफेक्ट

Dec 12, 2024 12:54

अध्ययन में विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा है कि मानसिक रोग की दवाएं केवल डॉक्टर की सलाह पर ही ली जानी चाहिए। बिना परामर्श दवाएं लेना गंभीर दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है।

Dec 12, 2024 12:54

Lucknow News : मानसिक रोगों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं युवाओं पर, गंभीर साइड इफेक्ट पैदा कर रही हैं। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के मानसिक रोग विभाग के अध्ययन में पाया गया कि 50 प्रशित से अधिक मरीजों में इन दवाओं का प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। विशेषज्ञों ने इस समस्या के समाधान के लिए दवाओं की नियमित निगरानी और बगैर परामर्श दवाएं लेने से बचने की सलाह दी है।

ओसीडी मरीजों पर किया गया अध्ययन
यह अध्ययन फरवरी 2023 से जनवरी 2024 के बीच ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) से पीड़ित मरीजों पर किया गया। कुल 72 मरीजों को इस अध्ययन में शामिल किया गया। अध्ययन के लिए मानसिक रोग विभाग को फार्माकोलॉजी विभाग का सहयोग मिला।



युवाओं में ज्यादा दुष्प्रभाव
यह शोध फार्मास्यूटिकल रिसर्च इंटरनेशनल पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें डॉ. शिव कुमार नाइक, डॉ. अनुराधा निश्चल, डॉ. अनलि निश्चल, डॉ. अमित सिंह और डॉ. आमोद कुमार सचान ने अपना योगदान दिया है। शोध के आंकड़ों के अनुसार, 72 मरीजों में से 37 (51.3 प्रतिशत) मरीजों पर दवाओं का प्रतिकूल असर हुआ। इनमें से 62.1 प्रतिशत मरीज युवा (18-30 वर्ष की आयु) थे।

शोध के अहम निष्कर्ष
  • फ्लुओजेक्टिन दवा का असर : 72.9 प्रतिशत दुष्प्रभाव के मामले फ्लुओजेक्टिन दवा के साथ जुड़े पाए गए।
  • सामान्य समस्याएं : 54 प्रतिशत मरीजों में अन्य मानसिक समस्याएं, जबकि 24.3 प्रतिशत मामलों में अपच की शिकायत दर्ज की गई।
  • इलाज की आवश्यकता : 75.7 प्रतिशत मरीजों को साइड इफेक्ट के लिए अतिरिक्त इलाज की जरूरत पड़ी।
साइड इफेक्ट कम करने की जरूरत
अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसिक रोगों की दवाओं के साइड इफेक्ट को कम करने के लिए कुछ उपाय बेहद जरूरी हैं:
  • नियमित निगरानी : ओपीडी में मरीजों पर दवाओं के प्रभाव की निगरानी करना आवश्यक है।
  • जागरूकता बढ़ाना : मरीजों और उनके परिजनों को दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
  • सुधार की संभावना : यह प्रयास मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता और उपचार के परिणामों में सुधार करेगा।
विशेषज्ञों की सलाह : बगैर परामर्श दवाएं न लें
अध्ययन में विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा है कि मानसिक रोग की दवाएं केवल डॉक्टर की सलाह पर ही ली जानी चाहिए। बिना परामर्श दवाएं लेना गंभीर दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है।
 

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