सीतापुर में छह हत्याओं के मामले में आखिरकार पर्दा हट गया। उत्तर प्रदेश टाइम्स की खबर पर मुहर लगी है। पुलिस ने वही खुलासा किया है जो खबर में अंदेशा जताया गया था। इस हत्याकांड में पुलिस की थ्योरी जहां हत्या और आत्महत्या...
उत्तर प्रदेश टाइम्स की खबर पर मुहर : सीतापुर हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद राज से उठा पर्दा, जानिए कौन है कातिल
May 13, 2024 17:14
May 13, 2024 17:14
यह था पूरा मामला
बता दें कि सीतापुर के पल्हापुर गांव में शनिवार की सुबह अनुराग (45) की उसके कमरे में लाश मिली थी। वहीं उसकी मां सावित्री सिंह (62) और पत्नी प्रियंका (40) को भी गोली मारी गई थी। बताया गया था कि अनुराग ने दोनों को गोली मारने के बाद उनका सिर हथौड़े से कूच दिया। इसके बाद तीनों बच्चों अरना (12), अरवी (7), आद्विक (8) को भी छत से फेंककर मौत के घाट उतार दिया। साथ ही उसने भी खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। बताया गया था कि अनुराग गांव में रहकर 100 बीघा जमीन पर खेती करता था। पत्नी प्रियंका लखनऊ में एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी। जो तीनों बच्चों के साथ अलीगंज में सरगम कॉम्प्लेक्स में रहती थी। शुक्रवार की सुबह प्रियंका अपने बच्चों को लेकर गांव पहुंची थी और शनिवार सुबह घर में सभी की लाशें मिली थीं।
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ऐसे हुआ खुलासा
बताया गया कि पुलिस ने इस मामले में अनुराग के बड़े भाई अजीत सिंह को आरोपी बनाया है। पुलिस के अनुसार तफ्तीश में सामने आया था कि संपत्ति विवाद में अनुराग, उसकी पत्नी प्रियंका व तीन मासूमों के साथ मां सावित्री की भी हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में मृतक अनुराग सिंह के ताऊ, भाई अजीत, उसकी पत्नी व घर के दो नौकरों को हिरासत में लिया था। सामने आया कि इन लोगों से पुलिस अधिकारियों ने लंबी पूछताछ की। ग्रामीणों के मुताबिक वीरेंद्र सिंह के दो बेटे अनुराग सिंह व अजीत सिंह पिता की विरासत संभालते थे। अनुराग खेती में रुचि रखता था, वहीं बड़ा भाई अजीत सिंह प्राथमिक विद्यालय बरी, जगतपुर महमूदाबाद में सरकारी अध्यापक है। अनुराग सिंह आधुनिक ढंग से सब्जियों की खेती भी करता था। उसके पिता वीरेंद्र और आरपी सिंह दो भाई थे। सामने आया कि जब दोनों भाई एक साथ रहते थे, तो उस समय जो भी जमीन वे लोग खरीदते थे तो उसे बड़ा भाई आरपी सिंह चालाकी से अपने और पत्नी के नाम कराते रहे।
मानसिक विक्षिप्त बताते हुए बना दिया था हत्यारा
इस हत्याकांड में पुलिस ने अनुराग को मानसिक विक्षिप्त बताते हुए हत्यारोपी बना दिया था। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पूरी वारदात की दिशा ही बदल दी। जिस अनुराग को पुलिस ने मानसिक विक्षिप्त बताते हुए घटना का मुख्य आरोपी माना था। उसकी पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट दो गोलियां मारे जाने की पुष्टि हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक ही गोली मारे जाने के बाद आखिर दूसरी गोली अनुराग को किसने मारी ? क्या यह एक सुनियोजित हत्याकांड था। जिसे एक हादसा दिखाने के लिए पूरी कहानी बनाई गई। जब शव का पोस्टमार्टम कराया गया तो पता चला कि अनुराग के एक गोली दाहिनी कनपटी पर मारी गई। जो कि गले को चीरते हुए दूसरी तरफ निकल गई। वहीं दूसरी गोली बाएं तरफ से मारी गई जो कि दिमाग में जाकर फंस गई। सामने आया है कि अनुराग के दिमाग में फंसी गोली 315 बोर की है। जो अवैध असलहे से चलाई गई है।
लंबा चला पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट
अनुराग की दस वर्षीय बेटी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह भी निकल कर आया है कि उसको भी गोली मारी गई थी। वहीं अन्य दो बच्चों अर्ना और आद्विक को सिर में चोटें आई हैं। इसके साथ ही उसकी दाहिनी जांघ की हड्डी भी टूटी पाई गई है। वहीं अनुराग की पत्नी प्रियंका को सीने में गोली मारने के बाद हथौड़े से कूंच कर मौत के घाट उतारा गया है। बता दें कि सभी का पोस्टमार्टम दोपहर में शुरू हुआ और करीब शाम 7 बजे तक चलता रहा। सबसे पहले आद्विक का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद अनुराग, उसकी मां सावित्री और अंत में पत्नी प्रियंका का पोस्टमार्टम हुआ। सभी की पोर्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस पूरी कहानी को एक नया मोड़ दे दिया। वहीं बताया जा रहा है कि आरोपी भाई ने इन हत्याओं को कबूल भी कर लिया है।
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