सीतापुर जिले के हरगांव क्षेत्र के परसेरा शरीकपुर गांव में एक भेड़िये का आतंक एक बार फिर देखने को मिला है। ग्रामीणों में भेड़ियों का खौफ इतना बढ़ गया है कि वे अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं।
सीतापुर में भेड़िये का आतंक : मां-बच्चों पर हमला, गांव में दहशत का माहौल
Sep 02, 2024 14:34
Sep 02, 2024 14:34
ये है पूरी घटना
घटना सोमवार की रात की है, जब परसेरा शरीकपुर गांव में एक परिवार पर भेड़िये ने हमला कर दिया। मां अपने बच्चों के साथ घर में सो रही थी, जब अचानक भेड़िया घर में घुस आया। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर मां जाग गई और उसने तुरंत अपने बच्चों को बचाने के लिए भेड़िये से भिड़ने का साहस दिखाया। हालांकि, भेड़िया ने उस पर हमला कर दिया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। लेकिन मां ने हार नहीं मानी और अपने बच्चों को बचाने के लिए भेड़िये से जूझती रही। मां की बहादुरी के कारण भेड़िया आखिरकार घर से भाग गया, लेकिन उसे गंभीर चोटें आईं।
गांव में भेड़िये का आतंक
परसेरा शरीकपुर गांव में यह पहली घटना नहीं है। हाल के दिनों में गांव और इसके आसपास के इलाकों में भेड़ियों के हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इस घटना से पहले भी भेड़िये ने गांव में मवेशियों पर हमला किया था। गांव के कई परिवारों ने बताया है कि उनके पालतू जानवर भेड़ियों का शिकार बन चुके हैं। गांव में पशुओं के अलावा लोगों पर भी हमले हो रहे हैं, जिससे गांव में खौफ और भी गहरा हो गया है।
सुरक्षा उपाय
इस हमले के बाद से गांववाले बेहद डरे हुए हैं। बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेजने में भी माता-पिता डर महसूस कर रहे हैं। दिन में भी लोग अपने घरों के दरवाजे बंद रखते हैं और रात होते ही सन्नाटा पसर जाता है। गांव में रात की पहरेदारी बढ़ा दी गई है, और लोग खुद ही अपने घरों की सुरक्षा के इंतजाम कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने वन विभाग और स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा के उपाय करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर भेड़ियों का आतंक इसी तरह बढ़ता रहा, तो गांव में रहना मुश्किल हो जाएगा। कई परिवारों ने अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का निर्णय लिया है, ताकि उन्हें भेड़ियों के हमलों से बचाया जा सके।
प्रशासन और वन विभाग की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। वन विभाग ने गांव के आसपास के इलाकों में भेड़ियों की खोजबीन तेज कर दी है और गांव में अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की योजना बनाई जा रही है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गांव के आस-पास कैमरे लगाए जाएंगे ताकि भेड़ियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा, गांव में ट्रैपिंग पिंजरे लगाए जाएंगे ताकि भेड़ियों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा सके। वन विभाग की टीम ने गांव में लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को सतर्क रहने की अपील की है और रात में घर के बाहर अकेले न जाने की सलाह दी है।
भेड़ियों का बढ़ता खौफ
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि भेड़ियों के हमले पहले भी होते थे, लेकिन हाल के दिनों में इनकी संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। ग्रामीणों का मानना है कि जंगलों में खाने की कमी और बढ़ते मानव अतिक्रमण के कारण भेड़िए गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। इस स्थिति ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है और वे अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी मदद की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर भेड़ियों का आतंक जल्द नहीं थमा तो वे अपने बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए गांव छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि वे इस समस्या का जल्द समाधान निकालें और गांव में सुरक्षा के उपाय बढ़ाएं।
जन जागरूकता
वन विभाग ने कहा है कि वे इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और भेड़ियों के हमलों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि भेड़ियों को पकड़ने और उनके हमलों को रोकने के लिए वे हरसंभव प्रयास करेंगे। इसके साथ ही, वन विभाग ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चला रहा है, जिसमें उन्हें भेड़ियों से बचने के उपाय बताए जाएंगे।
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे। भेड़ियों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएंगे और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाए जाएंगे। हम ग्रामीणों से अपील करते हैं कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत हमें दें।
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