प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख की छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली की ओर मार्च करने वाले करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमा...
सोनम को हिरासत में लेने पर भड़के अखिलेश : कहा- सरकार कुछ भी नहीं कर सकती, पढ़िए और क्या कहा...
Oct 01, 2024 12:32
Oct 01, 2024 12:32
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार वांगचुक और उनके समर्थकों को शहर की सीमा पर रोका गया और उन्हें अलीपुर तथा अन्य नजदीकी पुलिस थानों में हिरासत में ले जाया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वांगचुक और उनके सहयोगी प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमा पर रात बिताना चाहते थे। हालांकि दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण उन्हें वापस लौटने के निर्देश दिए गए थे। जब वे वापस नहीं लौटे तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लगभग 120 लोगों को हिरासत में लिया।
सोनम को हिरासत में लेने पर भड़के अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "जो लोग शांति से डरते हैं, वो अंदर से डरे हुए होते हैं। भाजपा सरकार पर्यावरण रक्षक और लद्दाख हितैषी सोनम वांगचुक की शांतिपूर्ण दिल्ली यात्रा को बाधित करके कुछ भी हासिल नहीं कर सकती। केंद्र अगर सरहद की आवाज़ नहीं सुनेगा तो ये उसकी राजनीतिक श्रवणहीनता कहलाएगी।"
जो लोग शांति से डरते हैं, वो अंदर से डरे हुए लोग होते हैं। भाजपा सरकार पर्यावरण रक्षक व लद्दाख हितैषी सोनम वांगचुक जी की शांतिपूर्ण दिल्ली यात्रा को बाधित करके कुछ भी हासिल नहीं कर सकती।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 1, 2024
केंद्र अगर सरहद की आवाज़ नहीं सुनेगा तो ये उसकी राजनीतिक श्रवणहीनता कहलाएगी।… pic.twitter.com/Xywe3mnjJw
वांगचुक की सोशल मीडिया पोस्ट
हिरासत में लिए जाने से कुछ समय पहले सोनम वांगचुक ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा की थी। जिसमें दिल्ली की सीमा पर रोकी गई बसों की तस्वीरें और वीडियो थे। इस पोस्ट में वांगचुक ने बताया कि उन्हें लगा था कि पुलिस के वाहन उनकी सुरक्षा के लिए उनके साथ चल रहे हैं। लेकिन बाद में स्पष्ट हुआ कि उन्हें हिरासत में लेने की तैयारी थी। वीडियो में वांगचुक को पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए भी देखा गया। उन्होंने बताया कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस का व्यापक बल उनके समूह को घेरे हुए था।
लद्दाख की छठी अनुसूची की मांग का मुद्दा
लद्दाख क्षेत्र लंबे समय से अपनी विशिष्ट संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के लिए छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जे की मांग कर रहा है। छठी अनुसूची वह संवैधानिक प्रावधान है जो आदिवासी क्षेत्रों को उनकी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के लिए विशेष स्वायत्तता और अधिकार प्रदान करता है। वांगचुक और उनके सहयोगी इसी मांग को लेकर दिल्ली तक पहुंचे थे, ताकि उनकी आवाज़ को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जा सके।
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