बड़ी कार्रवाई : 'हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया' के चार सदस्यों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, जानें क्या है मामला 

'हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया' के चार सदस्यों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, जानें क्या है मामला 
UPT | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

Feb 12, 2024 23:06

20 नवंबर 2023 से इस मामले की जांच एसटीएफ ने शुरू की। इस मामले में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष को अपना बयान दर्ज कराने के लिए लखनऊ बुलाया गया था। 

Feb 12, 2024 23:06

Short Highlights
  • हलाल प्रमाण-पत्र से अवैध वसूली करने का लगा है आरोप
     
 Lucknow News : एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी 'हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया' के 4 सदस्यों को सोमवार को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि ये कई कंपनियों से हलाल प्रमाण पत्र जारी कर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की है। एसटीएफ ने चारों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया था। आरोप तय होने पर सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के मुताबिक, हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जीमयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई जैसी कंपनियां विभिन्न उत्पादों पर उसकी ब्रिकी बढ़ाने के उद्देश्य से पैसा कमाने के चक्कर में हलाल प्रमाण पत्र विभिन्न उत्पादों को दे रही थी।

बिना की जांच किए दे रहे थे प्रमाणपत्र 
इसके चलते लखनऊ के हजरतगंज थाने में इन पर मुकदमा दर्ज हुआ था। 20 नवंबर 2023 से इस मामले की जांच एसटीएफ ने शुरू की। इस मामले में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष को अपना बयान दर्ज कराने के लिए लखनऊ बुलाया गया था। 

इनकी हुई गिरफ्तारी
विवेचक डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने टीम के साथ जांच करते हुए आरोपों के आधार पर स्कॉटर्स कॉलोनी, चिंचोली गोट, पटेल मस्जिद के पास सुबुरबान, मुम्बई महाराष्ट्र के रहने वाले मौलाना हबीब युसुफ पटेल (अध्यक्ष), जोगेश्वरी फिरदौस पार्क निवासी मौलाना मुइदशिर सपाडिआ (उपाध्यक्ष), जोगेश्वरी के सुरेश समांत मार्ग के रहने वाले मो. ताहिर जाकिर हुसैन चैहान (महासचिव) और कपड़ा बजार मुंबई निवासी मोहम्मद अनवर (कोषाध्यक्ष) को गिरफ्तार किया।

10 हजार रुपये में बनाते थे सर्टिफिकेट
मीट प्रोडक्ट समेत खाद्य पदार्थों को देते थे सर्टिफिकेट पूछताछ में सामने आया कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट मीट व मीट प्रोडक्ट के अतिरिक्त के साथ अन्य खाद्य पदार्थों को जारी कर रहे थे। इसके लिए प्रति वर्ष सर्टिफिकेट और प्रति प्रोडक्ट अलग- अलग कंपनी से रुपये ले रही थी। जिसमें से लगभग 10 हजार रुपये सर्टिफिकेट और 1 हजार रुपये प्रति प्रोडक्ट चार्ज तय था। हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया को NABCB (National Accreditation Board for Certification Bodies) और अन्य किसी सरकारी संस्था द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।

पूछताछ करने भी नहीं जाते थे कंपनी के सदस्य
हलाल प्रमाण पत्रधारी कंपनियों के मालिक एवं कर्मचारियों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए किसी भी प्रोडक्ट का लैब टेस्ट नहीं करवाया गया है। साथ ही कंपनी में आकर किसी भी प्रोडक्ट का सैंपल जांच के लिए नहीं लिया गया और न ही हलाल काउंसिल का कोई भी सदस्य पूछताछ के लिए कंपनी गया। इनके द्वारा जारी किए गए हलाल प्रमाण पत्र की जांच करने पर यह भी जानकारी मिली कि रेस्टोरेंट आदि को भी इनके द्वारा हलाल प्रमाण पत्र दिया गया है। जबकि रेस्टोरेंट द्वारा परोसी जाने वाली खाद्य सामग्री के बनने के तरीके एवं उपलब्ध सामानों पर इनका कोई नियंत्रण नहीं है। हजरतगंज थाने में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। 
 
 

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