सुभासपा विधायक बेदी राम गोमतीनगर में विक्रांत खंड स्थित अपने आवास संख्या 3/52 पर भी मौजूद नहीं हैं। वहां रहने वाले लोगों ने उनके वैवाहिक समारोह में बाहर जाने की बात कही है। ये भी कहा जा रहा है कि बेदी राम जल्द अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देंगे।
बेदी राम के सामने नहीं आने से सुभासपा की बढ़ी मुश्किलें, सफाई देने दिल्ली पहुंचे ओम प्रकाश राजभर
Jun 28, 2024 14:27
Jun 28, 2024 14:27
- लखनऊ स्थित आवास पर नहीं मौजूद हैं विधायक बेदी राम
- लोकेशन की नहीं मिल रही जानकारी, कैबिनेट मंत्री जय निषाद को जांच पूरी होने का इंतजार
लखनऊ से लेकर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को नहीं है जानकारी
सुभासपा विधायक बेदी राम गोमतीनगर में विक्रांत खंड स्थित अपने आवास संख्या 3/52 पर भी मौजूद नहीं हैं। वहां रहने वाले लोगों ने उनके वैवाहिक समारोह में बाहर जाने की बात कही है। ये भी कहा जा रहा है कि बेदी राम जल्द अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देंगे। बेदी राम सार्वजनिक रूप से 22 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में सामने आए थे। इसके बाद से वह नजर नहीं आ रहे हैं। पेपर लीक प्रकरण को लेकर विपक्ष संसद से लेकर बाहर तक भाजपा सरकार को घेरने में जुटा है। ऐसे में सुभासपा विधायक का वीडियो वायरल होने के बाद आरोप प्रत्यारोप की लड़ाई और तेज हो गई है।
भाजपा नेतृत्व चाहता है स्पष्टीकरण
सपा से लेकर कांग्रेस इस मुद्दे पर यूपी में सरकार को घेरने में जुट गई। इसलिए भाजपा नेतृत्व एनडीए के सहयोगी दल सुभासपा से इस पूरे प्रकरण पर स्पष्टीकरण चाहता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इसी वजह से ओमप्रकाश राजभर को तलब किया था। मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जाते समय राजभर बैकफुट पर नजर आए। उन्होंने बेदी राम को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि आप उनसे ही सवाल पूछिए। माना जा रहा है कि अब भाजपा नेतृत्व को सफाई देने के लिए ओम प्रकाश राजभर शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे हैं।
संजय निषाद बोले- जांच से पहले दोषी ठहराना ठीक नहीं
इस बीच यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने भी इस प्रकरण को गंभीर बताया है और कहा है कि ओम प्रकाश राजभर को इस बारे में ध्यान देना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि जब तक मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी को दोषी मानना ठीक नहीं है। इससे पहले भी कई तरह के फेक वीडियो सामने आ चुके हैं। वीडियो को एडिट करके गलत तरीके से पेश किया जाता रहा है। डॉ. संजय निषाद ने कहा कि वह स्वयं भी इसका शिकार हो चुके हैं। ऐसे में जांच पूरी होने पर ही किसी नतीजे पर पहुंचना सही होगा।
बेदी राम के दामन पर कई दाग
बेदी राम के 2022 में चुनाव आयोग के समक्ष दिए हलफनामे के अनुसार उन पर 2006 में लखनऊ के थाना कृष्णा नगर में रेलवे भर्ती परीक्षा लीक का पहला मुकदमा हुआ था और अभी तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में रेलवे भर्ती के पांच, पुलिस भर्ती का एक और एमपीपीसीएस के दो मामले दर्ज हैं। जानकारी के मुताबिक बेदी राम के खिलाफ एसटीएफ थाना भोपाल मध्य प्रदेश, राजस्थान के जयपुर के थाना एसओजी, थाना मड़ियाहू जौनपुर, थाना जलालपुर जौनपुर,थाना कृष्णानगर लखनऊ, थाना गोमतीनगर लखनऊ, थाना आशियाना लखनऊ सहित कई मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा रेलवे भर्ती परीक्षा से जुड़े मामले भी हैं। यूपी एटीएफ के रिकॉर्ड में 2014 में बेदी राम के लिए पेपर लीक गिरोह के सरगना और कुख्यात नकल माफिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल पूर्व में किया जा चुका है। यहां तक की अपराधिक गतिविधियों पर रोकथाम के लिए बेदीराम के विरुद्ध उत्तर प्रदेश गिरोह बंद अधिनियम के तहत कार्रवाई व संपत्ति कुर्क करना अनिवार्य बताया गया था।
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