डीआईजी फायर सर्विसेस जुगुल किशोर तिवारी का निलंबन रद्द : सेवा में बहाल, इस मामले में किया गया था सस्पेंड

सेवा में बहाल, इस मामले में किया गया था सस्पेंड
UPT | DIG Jugal Kishore

Sep 27, 2024 15:46

डीआईजी जुगल किशोर को जिस प्रकरण में निलंबित किया गया, उसके मुताबिक उन्नाव जनपद में तैनात फायर विभाग का ड्राइवर-कॉन्स्टेबल बीमारी की वजह से कई दिन ड्यूटी से गायब था। उसने इस संबंध में अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया। बिना अनुमति के ड्यूटी से गायब रहने की वजह से उसे एक साथ दो सजा दी गई थी।

Sep 27, 2024 15:46

Lucknow News : प्रदेश में हाल ही में निलंबित किए गए डीआईजी फायर सर्विसेस जुगुल किशोर तिवारी का निलंबन रद्द करते हुए शुक्रवार को उन्हें पुनः सेवा में बहाल कर दिया गया है। वरिष्ठ आईपीएस अफसर को आचरण नियमावली का पालन नहीं करने पर विगत जुलाई माह में निलंबित किया गया था। डीआईजी जुगुल किशोर तिवारी पर आरोप था कि उन्होंने फायर विभाग के ड्राइवर के खिलाफ पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक एक्शन लेने के बजाय उसे नियमों से परे जाकर लाभ पहुंचाया। अब इस मामले में उनकी बहाली का आदेश जारी कर दिया गया है। 

उन्नाव जनपद से जुड़े मामले में किए गए थे निलंबित
डीआईजी जुगल किशोर को जिस प्रकरण में निलंबित किया गया, उसके मुताबिक उन्नाव जनपद में तैनात फायर विभाग का ड्राइवर-कॉन्स्टेबल बीमारी की वजह से कई दिन ड्यूटी से गायब था। उसने इस संबंध में अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया। बिना अनुमति के ड्यूटी से गायब रहने की वजह से उसे एक साथ दो सजा दी गई थी। चालक को तीन साल के लिए न्यूनतम वेतन दिया गया और साथ ही छुट्टी की अवधि में लीव विदाउट पेमेंट दिया गया। करीब डेढ़ साल पहले के इस मामले में उन्नाव के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने चालक को दंड दिया था। इसके बाद विभाग के डीआईजी जुगल किशोर से अपील की गई। इस पर डीआईजी जुगल किशोर ने एक अपराध में दो सजा नहीं देने के सिद्धांत का हवाला देते हुए संबंधित चालक को क्लीन चिट दे दी थी।



डीआईजी जुगल किशोर ने नियमों के मुताबिक काम करने का किया दावा 
इस मामले में याचिका होने के बाद डीजीपी मुख्यालय ने जांच शुरू की थी और जुगल किशोर के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा था। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया। हालांकि डीआईजी जुगल किशोर शुरुआत से ही अपने स्टैंड पर कायम रहे कि उन्होंने नियमों के मुताबिक ही काम किया। उन्होंने उचित फोरम में अपनी बात रखने की भी बात कही। इसके बाद उन्होंने उच्चाधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखा और अब उनका निलंबन रद्द करने के साथ बहाली का आदेश जारी कर दिया गया है। 

अपराधियों के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई 
जुगुल किशोर तिवारी उत्तर प्रदेश पुलिस के एक अनुभवी और साहसी अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। अपने करियर में उन्होंने लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, चित्रकूट, बहराइच, गाजीपुर, और बांदा जैसे जिलों में पुलिस कप्तान के रूप में सेवाएं दी हैं। विशेष रूप से, चित्रकूट में उनकी तैनाती के दौरान 16 जून 2009 को कुख्यात डकैत घनश्याम केवट का एनकाउंटर बहुत चर्चित रहा। पाठा के जंगलों में पुलिस ने तीन दिनों तक अभियान चलाकर इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। इस अवधि में, बीहड़ के डकैत सक्रिय नहीं हो सके और अपराध की घटनाओं में भी कमी आई। इसके अलावा, माफिया अतीक अहमद के खिलाफ 2007 में जुगुल किशोर का एक्शन भी काफी चर्चा में रहा। उन्होंने अतीक अहमद से जुड़े कई अवैध सामान बरामद कर उन्हें पुलिस कस्टडी में जमा करवाया, जिससे अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश गया।

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