तदर्थ शिक्षकों ने यूपी कैबिनेट के प्रस्ताव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। शिक्षकों का कहना है कि सेवाएं बहाल करने के बजाय मानदेय पर रखने का प्रस्ताव स्वीकार नहीं है।
Lucknow News: तदर्थ शिक्षकों ने कैबिनेट प्रस्ताव के बहिष्कार का किया एलान
Jul 09, 2024 15:22
Jul 09, 2024 15:22
- तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति ने की प्रस्ताव में संशोधन की मांग
- अधिकारियों पर नौकरी छीनने का आरोप
अधिकारियों को शिक्षकों का शोषण करने की खुली छूट
माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश सरकार सरकार के लिए गए इस फैसले से राज्य के सभी तदर्थ शिक्षकों का अधिकारियों और प्रबंधकों द्वारा शोषण करने की खुली छूट दी गई है। जब शिक्षकों का भविष्य अंधकार में है तो वह विद्यार्थियों का भविष्य कैसे बनाएगा। सरकार को इस पर पुनः विचार और अपने संशोधन करना चाहिए।
अधिकारियों के षड्यंत्र से सवाएं हुईं समाप्त
महामंत्री सुशील शुक्ला ने कहा कि जिस विद्यालय में 25 से 30 वर्षों तक सेवा दी। उसी विद्यालय में चपरासी से नीचे काम नहीं कर सकते हैं। उनका आरोप है कि अधिकारियों के षड्यंत्र के चलते प्रदेश के समस्त तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। ऐसे अधिकारियों ने प्रदेश सरकार को कलंकित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त तदर्थ शिक्षक यूपी कैबिनेट के प्रस्ताव का बहिष्कार करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेवा से हटाए गए थे तदर्थ शिक्षक
गौरतलब है कि 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेवा से हटाए गए प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के 2254 शिक्षकों को योगी सरकार ने अस्थायी तौर पर 25 हजार और 30 हजार रुपये मानदेय पर रखने का निर्णय लिया गया है। तदर्थ शिक्षकों को यूपी कैबिनेट ने अस्थायी रूप से मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई है।
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