रहमानखेड़ा में बाघ के पसंदीदा ठिकाने बने ये इलाके : 15वें शिकार के पहले पकड़ने की तैयारी, लगाया गया पांचवां पिंजरा

15वें शिकार के पहले पकड़ने की तैयारी, लगाया गया पांचवां पिंजरा
UPT | वन विभाग का अब जल्द बाघ पकड़ने का दावा

Jan 21, 2025 12:26

ताजा जानकारी के अनुसार, बाघ को अमेठिया गांव में रेलवे लाइन के पास देखा गया। यह स्थान रहमानखेड़ा से पांच किलोमीटर दूर है। ग्रामीणों के अनुसार, सुबह करीब साढ़े नौ बजे खेत के पास बाघ को देखा गया।

Jan 21, 2025 12:26

Lucknow News : रहमानखेड़ा क्षेत्र में बाघ की दहशत कायम है। इलाके के स्कूलों में अभी भी बाघ की वजह से ऑनलाइन क्लास संचालित की जा रही है। वहीं वन विभाग की  कोशिश की इस बार 15वें शिकार से पहले बाघ को दबोचा जा सके। वनााधिाकारियों के अनुसार अब रहमानखेड़ा जंगल के जोन एक और दो बाघ के आराम और गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं। 

14 शिकारों के बाद अगला कदम उठाने की तैयारी
बाघ की गतिविधियां इन दो क्षेत्रों में अधिक पाई गई हैं। यहां तक कि बाघ जंगल से बाहर जाकर भी फिर से इन्हीं इलाकों में लौट आता है। इसे देखते हुए बाघ को पकड़ने के लिए अब तक चार पिंजरे लगाए गए थे। अब पांचवां पिंजरा भी लगाया गया है। वनाधिकारियों के अनुसार, जल्द ही बाघ को काबू में कर लिया जाएगा। रहमानखेड़ा के जंगल में बीते डेढ़ महीने से घूम रहा बाघ अब तक 14 जानवरों का शिकार कर चुका है। उसका आखिरी शिकार विगत 15 जनवरी को दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि वह अगले शिकार के लिए सक्रिय हो सकता है। इसके मद्देनजर, बाघ को पकड़ने के लिए खास स्थानों पर पड़वे बांधे गए हैं। वन विभाग की टीमें उन जगहों पर लगातार निगरानी रख रही हैं।



शांत और अकेले स्वभाव का है रहमानखेड़ा में घूमने वाला बाघ
वन विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार, इलाके में घूमने वाला बाघ स्वभाव से शांत और एकांतप्रिय है। वह दिनभर आराम करता है और रातभर जंगल में घूमता है। अहम बात यह है कि जंगल से 15 किलोमीटर दूर जाने के बावजूद बाघ बार-बार रहमानखेड़ा के अपने पसंदीदा स्थान पर लौट आता है। यह प्रवृत्ति बाघ के व्यवहार को समझने में मदद कर रही है, जिससे उसे पकड़ने की योजना तैयार की जा रही है।

अमेठिया गांव में दिखा बाघ
ताजा जानकारी के अनुसार, बाघ को अमेठिया गांव में रेलवे लाइन के पास देखा गया। यह स्थान रहमानखेड़ा से पांच किलोमीटर दूर है। ग्रामीणों के अनुसार, सुबह करीब साढ़े नौ बजे खेत के पास बाघ को देखा गया। ग्रामीणों की सतर्कता और वन विभाग की टीमों की तैनाती के कारण बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

अब जल्द सफलता मिलने का दावा
बाघ को पकड़ने के लिए अब तक कुल पांच पिंजरे लगाए जा चुके हैं। रहमानखेड़ा जंगल के उन इलाकों में पिंजरे लगाए गए हैं, जहां बाघ की सबसे ज्यादा सक्रियता पाई गई है। प्रभागीय निदेशक बाराबंकी और प्रभारी बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन आकाशदीप बधावन ने कहा कि टीमें लगातार काम कर रही हैं और जल्द ही बाघ को पकड़ने में सफलता मिलेगी।

बाघ का सुरक्षित रेस्क्यू है प्राथमिकता
वन विभाग का लक्ष्य है कि बाघ को सुरक्षित तरीके से पकड़ा जाए और उसे किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए। बाघ के शांत स्वभाव को ध्यान में रखते हुए उसे घायल किए बिना रेस्क्यू करना प्राथमिकता है। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बाघ के बारे में किसी भी गतिविधि की तुरंत सूचना दें।
 

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