उत्सव 15 से 20 नवंबर तक राजधानी लखनऊ के संगीत नाट्य कला एकेडमी और भागीदारी भवन में आयोजित किया जाएगा। इस उत्सव में जनजातीय जीवन की विविधताओं को दर्शाया जाएगा।
लखनऊ में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजाति भागीदारी उत्सव : 22 राज्यों के 300 से अधिक कलाकार होंगे शामिल
Nov 07, 2024 17:43
Nov 07, 2024 17:43
जनजातीय कलाकारों के हुनर का प्रदर्शन
सीएम योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे और इस अवसर पर जनजातीय समुदाय की समृद्ध संस्कृति और कलाओं को सम्मानित किया जाएगा। उत्सव में भाग लेने वाले कलाकारों में जनजातीय कलाकार, हस्तशिल्पी, बुनकर, चित्रकार और अन्य शिल्पकार शामिल होंगे। इसके अलावा, घुमंतू जातियों, नट, बहरूपिया और कच्ची घोड़ी जैसे पारंपरिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
22 राज्यों और विदेशों से भागीदारी
इस उत्सव में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, बिहार, मिजोरम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और दिल्ली समेत अन्य देशों के कलाकार भी शामिल होंगे। इन देशों में स्लोवाकिया और क्रोएशिया प्रमुख हैं, जिनके कलाकार भी उत्सव में अपना योगदान देंगे।
हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों का प्रदर्शन
इस उत्सव में आदिवासी कलाकारों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, परिधान, व्यंजन और जनजातीय खेलों के अलावा 100 दुकानों का शिल्प मेला भी आयोजित किया जाएगा। यहां लोग जनजातीय उत्पादों, जैसे कपड़े, लकड़ी, जूट, मूज से बनी सामग्री, वन औषधियां और अन्य उत्पाद खरीद सकेंगे। उत्सव के सफल आयोजन के लिए शहर भर में होर्डिंग्स, बैनर, स्टैण्ड और एलईडी वैन के माध्यम से प्रचार किया जाएगा। इस आयोजन में शामिल होने वाले दर्शकों के लिए रंगीन झूले, रंगोली, लोक नृत्य और शिल्प कला का अनूठा संगम आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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