महाकुंभ के आयोजन से पहले श्रद्धालुओं की सुविधा और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने विशेष इंतजाम करना शुरू कर दिया है। प्रयागराज में स्थानीय लोगों को अपने घरों में पेइंग गेस्ट की सुविधा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा...
महाकुंभ 2025 : श्रद्धालुओं के लिए पेइंग गेस्ट व्यवस्था के इंतजाम शुरू, स्थानीय लोग ले रहे ट्रेनिंग
Nov 07, 2024 20:11
Nov 07, 2024 20:11
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2000 मकानों में पेइंग गेस्ट फैसिलिटी शुरू करने का लक्ष्य
योगी सरकार के निर्देश पर महाकुंभ के आयोजन को यादगार और अभूतपूर्व बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का मुख्य ध्यान श्रद्धालुओं की सुविधा और मेहमाननवाजी पर है, ताकि वे सुखद अनुभव लेकर जाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति के तहत, स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी इस महाकुंभ के आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है। पर्यटन विभाग ने इस उद्देश्य के तहत, 2000 मकानों में पेइंग गेस्ट फैसिलिटी शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जहां श्रद्धालुओं को न केवल ठहरने की सुविधा मिलेगी, बल्कि भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। इस व्यवस्था के तहत, श्रद्धालुओं को एक घर जैसा माहौल मिलेगा और आवश्यकता के अनुसार इस सुविधा की संख्या में और वृद्धि की जा सकती है।
ऐसे मिलेगा स्थानीय निवासियों को लाइसेंस
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, अपराजिता सिंह ने बताया कि इस योजना में शामिल होने की प्रक्रिया सरल और सहज है। जिन स्थानीय निवासियों के पास स्वयं का मकान है, वे इस पहल से जुड़कर महाकुंभ के इस ऐतिहासिक सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं। इसके लिए, उन्हें क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय में जाकर महज 50 रुपये का चालान फॉर्म भरना होगा और उसे जमा करना होगा। इसके साथ ही, मकान के कमरों के फोटो और नगर निगम द्वारा जारी की गई टैक्स रसीद भी आवश्यक होगी। इसके बाद, पर्यटन विभाग द्वारा एक सामान्य वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस वेरिफिकेशन के बाद, पर्यटन विभाग द्वारा मकान मालिक को लाइसेंस प्रदान किया जाएगा, जिसके बाद वे अपनी संपत्ति पर पेइंग गेस्ट सुविधा दे सकेंगे। जिन मकानों को यह लाइसेंस मिलेगा, उनकी सूची मेला प्रशासन की वेबसाइट और ऐप पर भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से इन पेइंग गेस्ट सुविधाओं तक पहुंच सकें। इस पहल से स्थानीय लोगों को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।
3 साल के लिए मान्य होगा लाइसेंस
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के अनुसार वेरिफिकेशन के बाद जो लाइसेंस दिया जाएगा वो 3 साल के लिए मान्य होगा। इसके तहत कम से कम दो और अधिकतम पांच कमरे का रजिस्ट्रेशन कराए जाने की योजना है। लाइसेंस पाने वालों को पर्यटन विभाग की ओर से स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। उन्हें श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ अच्छे बर्ताव, उनकी सुविधा का हर तरह से ध्यान रखने के लिए बारीक से बारीक बातें सिखाई जा रही हैं। इसमें मार्केटिंग के साथ सूचना, समस्या समाधान, बेहतर सर्विस, इंटीरियर डेकोरेशन के साथ मेंटेनेंस का ख्याल रखना भी शामिल है। इसके अलावा सिक्योरिटी और भोजन का बेहतर इंतजाम के साथ ही हाइजीन का विशेष ध्यान रखने के विषय में भी गाइड किया जा रहा है।
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योजना की सबसे खास बात...
इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें किसी भी प्रकार की सालाना फीस या टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य नहीं है, जिससे स्थानीय मकान मालिकों के लिए यह एक बेहद आसान और लाभकारी अवसर बन गया है। इसके अलावा, होटल के मानकों और एनओसी (नॉस ऑफ कंफॉर्मिटी) के झंझटों से भी उन्हें नहीं गुजरना पड़ेगा। योजना के तहत, मकान मालिक को केवल लैंड डॉक्युमेंट्स और एक एफिडेविट (हस्ताक्षरित शपथ पत्र) जमा कर लाइसेंस प्राप्त करना होगा, जिससे यह प्रक्रिया और भी सरल हो जाती है। मकान मालिक को अपनी सुविधा का किराया निर्धारित करने की पूरी स्वतंत्रता होगी और इस मामले में पर्यटन विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
अब तक इस योजना के तहत 50 मकानों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है और कई फाइलें प्रोसेस में हैं। इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित संपर्क नंबरों पर भी मदद ली जा सकती है :
- हेल्पलाइन : 05322408873
- वॉट्सएप नंबर : 9140398639
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