प्रदेश के चार जिलों में 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्रों की स्थापना की योजना बनाई गई है। इस परियोजना के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ ईंधन और जैविक खाद का उत्पादन किया जाएगा।
यूपी के चार जिलों में बनेंगे 2250 घरेलू बायो गैस संयंत्र : सिस्टेमा बायो संस्था को पर्यावरण निदेशालय की मंजूरी
Oct 18, 2024 22:05
Oct 18, 2024 22:05
चार जिलों में होगी स्थापना
पर्यावरण निदेशालय को भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए यह लक्ष्य दिया गया है। अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी और गोंडा के ग्रामीण क्षेत्रों में ये संयंत्र लगाए जाएंगे। इन संयंत्रों के माध्यम से बायो गैस का उपयोग खाना पकाने के लिए किया जाएगा, साथ ही कृषि के लिए जैविक खाद भी उत्पन्न होगी।
किसानों के लिए सस्ती योजना
योजना के तहत एक बायो गैस संयंत्र की कुल लागत 39300 रुपये है, जिसमें लाभार्थी किसानों को केवल 3990 रुपये का अंशदान देना होगा। शेष राशि केंद्र सरकार की सहायता और कार्बन क्रेडिट से पूरी की जाएगी। सिस्टेमा बायो संस्था संयंत्रों से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट का विक्रय करके 20960 रुपये जुटाएगी, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम रहेगा। यह मॉडल पर्यावरण के साथ-साथ किसानों के लिए भी लाभदायक साबित होगा।
10 साल की सेवा प्रदान करेगी कंपनी
सिस्टेमा बायो संस्था अगले 10 वर्षों तक इन संयंत्रों की सेवा और रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेगी, ताकि संयंत्रों का सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके। इस परियोजना के तहत महिलाओं, छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे वे स्वच्छ और किफायती ईंधन प्राप्त कर सकें।
योजना का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन कम करना
पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा इस योजना का उद्देश्य राज्य में कार्बन उत्सर्जन को कम करना, जैविक उर्वरकों का उपयोग बढ़ाना और ग्रामीण परिवारों को अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान करना है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि यह योजना किसानों के आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी, जैसे अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और निदेशक पर्यावरण आशीष तिवारी, उपस्थित रहे।
Also Read
19 Oct 2024 02:12 AM
लखनऊ स्थित आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ये संपत्तियां 2018 और 2019 में गायत्री के जेल में रहने के दौरान उनके करीबियों के नाम पर खरीदी गई थीं। और पढ़ें