कटेहरी और मझवां विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार उतारे जाने की संभावना पर संजय निषाद ने कहा कि वोटर भले ही अपने मताधिकार का प्रयोग करता है। लेकिन, वोट डलवाने का असली काम कार्यकर्ता करते हैं। कार्यकर्ता ही सामाजिक ऊर्जा को राजनीतिक ऊर्जा में बदलने का काम करते हैं। इसलिए कार्यकर्ता का सम्मान जरूरी है।
कटेहरी और मझवां विधानसभा सीट पर निषाद पार्टी पीछे हटने को तैयार नहीं : भाजपा से गठबंधन धर्म निभाने की उम्मीद
Oct 14, 2024 14:03
Oct 14, 2024 14:03
उपचुनाव को लेकर एनडीए की अब तक नहीं हुई बैठक
डॉ. संजय निषाद ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अभी तक एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक उपचुनाव को लेकर नहीं हुई है। भाजपा ने उपचुनाव को लेकर नई दिल्ली में अपनी बैठक की है। इस बैठक से अन्य सहयोगी दलों का मतलब नहीं है। भाजपा की बैठक के बाद सहयोगी दलों की बैठक होती है। इसके बाद शीर्ष नेतृत्व के साथ एनडीए की बैठक में चर्चा के बाद निर्णय किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में एनडीए की सभी 10 सीटों पर जीत के लिए सभी सहयोगी पहले से लगे हुए हैं। हमने अपनी टीम लगाई हुई है।
रालोद को सीट दिए जाने की जानकारी से इनकार
उन्होंने कहा कि मझवां और कटेहरी विधानसभा सीटों पर हम पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें एक सीट पर हमें जीत मिली थी, जबकि दूसरी ओर बेहद कम वोटों से हम लोग हार गए थे। इस बार भी हमारी पूरी तैयारी है। हमें उम्मीद है कि भाजपा गठबंधन धर्म के हिसाब से इन दोनों सीटों पर निषाद पार्टी के उम्म्मीदवारों को मैदान में उतरने का अवसर देगी। संजय निषाद ने मीरापुर विधानसभा सीट से रालोद प्रत्याशी उतारे जाने के निर्णय पर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। अभी तक भाजपा की किसी भी सहयोगी दल के साथ उपचुनाव को लेकर बैठक नहीं हुई है। ऐसे में रालोद के साथ भी बैठक का सवाल नहीं उठता।
सीएम योगी से मुलाकात का मांगा वक्त
संजय निषाद ने कहा कि अगर रालोद के साथ बैठक होती और निषाद पार्टी के साथ नहीं होती, तभी इस पर बयान दिया सकता था। अभी ऐसी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 2019, 2022 और 2024 में पहले प्रदेश नेतृत्व के साथ बैठक हुई। इसके बाद नई दिल्ली में चर्चा की गई। यही प्रक्रिया चली आ रही है। इस बार भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का वक्त मांगा है। उनकी माताजी की तबीयत खराब होने की वजह से मुलाकात नहीं हो सकी।
निषाद पार्टी के सिंबल पर प्रत्याशी नहीं उतारने से हुआ भाजपा को नुकसान
कटेहरी और मझवां विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार उतारे जाने की संभावना पर संजय निषाद ने कहा कि राजनीति में कहा गया है कि 'हिस्ट्री इज मदर ऑफ पॉलिटिक्स एंड मूवमेंट इज फादर ऑफ पॉलिटिक्स।' उन्होंने कहा कि वास्तव में वोटर भले ही अपने मताधिकार का प्रयोग करता है। लेकिन, वोट डलवाने का असली काम कार्यकर्ता करते हैं। कार्यकर्ता ही सामाजिक ऊर्जा को राजनीतिक ऊर्जा में बदलने का काम करते हैं। इसलिए कार्यकर्ता का सम्मान जरूरी है।, वहीं अपनी विचारधारा, पार्टी, सिंबल को देखकर ही कार्यकर्ता धरातल पर काम करता है। लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में विपक्ष को जिस तरह सफलता मिली है, उसमें एक वजह निषाद पार्टी के सिंबल पर प्रत्याशी नहीं उतारा जाना भी है। उन्होंने कहा कि अपना सिंबल नहीं मिलने पर निषाद कार्यकर्ताओं में जोश देखने को नहीं मिला। लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर कार्यकर्ताओं की उदासीनता की वजह से ही भाजपा को नुकसान हुआ। इसलिए इस बार हमें पूरी उम्मीद है कि मझवां और कटेहरी विधानसभा सीट पर निषाद पार्टी के सिंबल पर ही प्रत्याशी मैदान में उतारे जाएंगे। सपा ने कटेहरी से शोभावती वर्मा और मझवां विधानसभा सीट से डॉ. ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया है।
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