यूपी विधानसभा उपचुनाव : सपा ने अखिलेश की सीट पर तेज प्रताप को बनाया उम्मीदवार, सीएम योगी की बैठक में ये नाम फाइनल

सपा ने अखिलेश की सीट पर तेज प्रताप को बनाया उम्मीदवार, सीएम योगी की बैठक में ये नाम फाइनल
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Oct 07, 2024 20:43

यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद उपचुनाव बेहद अहम माना जा रहा है। सत्तापक्ष के सामने जहां अपने प्रदर्शन में सुधार की चुनौती है, वहीं विपक्ष लोकसभा चुनाव की तर्ज पर अपना बेहतर प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में जुटा है। इस पर भी करहल विधानसभा सीट पर सभी की नजरें काफी पहले से टिकी हैं।

Oct 07, 2024 20:43

Lucknow News : प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी तपिश दिनों दिन बढ़ने लगी है। सत्तारूढ़ दल से लेकर विपक्ष अपनी रणनीति को काफी पहले से धार देने में जुटा है। वहीं अब धीरे धीरे प्रत्याशियों की तस्वीर भी साफ होने लगी है। इसी कड़ी में मैनपुरी जिले के करहल विधानसभा सीट के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। पार्टी ने तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। यह सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। 

करहल विधानसभा सीट पर इसलिए सबकी नजर
यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद उपचुनाव बेहद अहम माना जा रहा है। सत्तापक्ष के सामने जहां अपने प्रदर्शन में सुधार की चुनौती है, वहीं विपक्ष लोकसभा चुनाव की तर्ज पर अपना बेहतर प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में जुटा है। इस पर भी करहल विधानसभा सीट पर सभी की नजरें काफी पहले से टिकी हैं। अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से ही ​इस सीट पर उपचुनाव में प्रत्याशी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। कई नामों की चर्चा चल रही थी। ये माना जा रहा था कि मुलायम कुनबे के इस गढ़ से परिवार के ही किसी सदस्य को मैदान में उतारा जाएगा। 



तेजप्रताप यादव पर इसलिए लगाया पार्टी ने दांव
तेजप्रताप यादव इससे पहले भी क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। परिवार के सदस्य के रूप में सभी उन्हें अच्छी तरह जानते हैं। इसलिए अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई के नाम पर मुहर लगाई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के मुताबिक तेज प्रताप यादव का चुनाव लड़ना सैफई परिवार के लिए एक गौरव की बात है और इससे क्षेत्र में पार्टी की स्थिति मजबूत होगी।

विधानसभा चुनाव में सपा ने पांच सीटों पर जीत की थी हासिल
करहल विधानसभा सीट पर पिछले विधानसभा चुनावों में सपा ने सफलता प्राप्त की थी। प्रदेश में जिन 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित होना है, साल 2022 के चुनावों में सपा ने इनमें से पांच पर जीत दर्ज की थी, और ऐसे में पार्टी इस उपचुनाव से भी सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रही है।

लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन से भाजपा ने लिया सबक
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी उपचुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने प्रत्येक सीट के लिए तीन-तीन उम्मीदवारों के नामों का पैनल तैयार कर लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में सोमवार को एक बैठक बुलाई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी बैठक में मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा ने उपचुनावों को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

सीएम की बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर मंथन
इस बैठक में उपचुनाव के प्रत्याशियों से लेकर रणनीति पर चर्चा की गई। करीब एक घंटे चली इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, उनमें से तीन सीटों पर 2022 में भाजपा ने जीत हासिल की थी। एक सीट पर उसके सहयोगी दल निषाद पार्टी का उम्मीदवार विजयी हुआ था, जबकि एक अन्य सीट रालोद के पास थी। बैठक में नौ सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया गया। मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर रालोद अपना प्रत्याशी तय करेगा। बताया जा रहा है कि एक-एक सीट के लिए तीन उम्मीदवारों का पैनल तय किया गया है। 

जिला कमेटी के भेजे 10 में से तीन नाम किए गए फाइनल
जानकारी के मुताबिक भजापा की जिला कमेटी ने 10 नामों की सूची भेजी थी। सीएम आवास पर आयोजित इस बैठक में प्रत्येक सीट के लिए तीन नाम फाइनल किए गए हैं। ये नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजे जाएंगे, जिनके आधार पर प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगेगी। बताया जा रहा है कि प्रत्याशियों के चयन में क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का ध्यान रखा गया है। इस बात की पूरी कोशिश की गई है कि जीतने वाले प्रत्याशी का नाम ही आगे बढ़ाया जाए। हालांकि किसी भी सीट पर अल्पसंख्यक प्रत्याशी का नाम सूची में नहीं होने की भी चर्चा है। संभल की कुंदरकी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर 60 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाता हैं। माना जा रहा है कि पार्टी अपनी रणनीति के तहत ही आगे बढ़ेगी। 

इन सीटों पर होना है उपचुनाव
जिन 10 सीटों में उपचुनाव होने हैं, उनमें कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के चलते रिक्त हुई है। शेष 9 सीटों पर विधायकों के सांसद बनने के कारण उपचुनाव होने जा रहा है। इनमें से पांच सीटें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी पर सपा ने साल 2022 में जीत हासिल की थी। इनमें करहल से अखिलेश यादव, मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद, मुरादाबाद की कुंदरकी से जियाउर रहमान और अंबेडकरनगर की कटेहरी से लालजी वर्मा जीत दर्ज की थी। वहीं अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट पर भाजपा का कब्जा था। इनमें अलीगढ़ की खैर सीट से अनूप प्रधान, गाजियाबाद सदर से अतुल गर्ग और फूलपुर से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल विजयी हुए थे। जबकि मीरजापुर की मझवां विधानसभा सीट पर निषाद पार्टी के विनोद कुमार बिंद और मीरापुर से रालोद उम्मीदवार चंदन चौहान ने जीत दर्ज की थी।
 

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