यूपी में दीनदयाल अन्त्योदय योजना से 7634 कृषि सखियां प्रशिक्षित : ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रही योगी सरकार

ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रही योगी सरकार
UPT | CM Yogi Adityanath

Sep 28, 2024 18:19

महिलाओं को कृषि के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से एक अनूठी योजना कृषि सखी योजना की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से महिलाओं को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने का प्रयास हो रहा है।

Sep 28, 2024 18:19

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें कृषि के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से एक अनूठी योजना कृषि सखी योजना की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से महिलाओं को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने का प्रयास हो रहा है। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है बल्कि कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति भी ला रही है।

उन्नत कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण 
कृषि सखी योजना का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कृषि के क्षेत्र में प्रशिक्षित करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत महिलाओं को उन्नत कृषि तकनीकों, प्राकृतिक और जैविक खेती, पशुधन प्रबंधन जैसी विभिन्न विधियों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, महिलाएं अपने गांवों में कृषि विशेषज्ञ के रूप में उभर रही हैं और अपने समुदाय में एक सशक्त भूमिका निभा रही हैं।

महिलाओं का चयन-प्रशिक्षण प्रक्रिया
कृषि सखी योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं का चयन किया जाता है। चयन की प्रक्रिया स्वयं सहायता समूहों के आधार पर की जाती है। इसके बाद, दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत इन महिलाओं को पैरा-प्रोफेशनल के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है। अब तक, प्रदेश भर में कुल 7 हजार 634 महिलाओं को प्रशिक्षित और सत्यापित किया जा चुका है। इस योजना का प्रभाव सबसे अधिक बिजनौर जिले में देखा गया, जहां अब तक 670 महिलाओं का सफलतापूर्वक प्रशिक्षण किया जा चुका है। कुल 269 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें महिलाओं को कृषि के विभिन्न उन्नत और वैज्ञानिक तरीकों से अवगत कराया गया।



विभिन्न विभागों से समन्वय
कृषि सखी योजना को सफल बनाने के लिए यूपी सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया है। इसमें कृषि विभाग, उद्यान विभाग, रेशम निदेशालय और भूगर्भ जल विभाग शामिल हैं। इन विभागों के कार्यक्रमों को विस्तार देने और उनके प्रचार-प्रसार के लिए कृषि सखियों का चयन किया जा रहा है। इसके  योजना में महिलाओं के चयन के लिए कुछ मानदंड तय किए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से उनकी आयु 21 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उन्हें कृषि कार्यों में रुचि और अनुभव होना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि चयनित महिलाएं कृषि में दक्षता हासिल कर सकें और इसे अपने आजीविका का प्रमुख साधन बना सकें।

राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान का सहयोग
कृषि सखी योजना को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) द्वारा भी महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। यह संस्थान प्रदेशभर में प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। अब तक मैनेज ने यूपी में कुल 269 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिनके जरिए सात हजार 634 महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इन महिलाओं को प्राकृतिक, जैविक और कृषि पारिस्थितिकी आधारित खेती के साथ-साथ सतत कृषि तकनीकों पर भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे महिलाओं को कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्राप्त हो रहा है, जो उन्हें अपने गांवों में कृषि विशेषज्ञ के रूप में स्थापित कर रहा है।

कृषि सखियों की भूमिका
कृषि सखियों की भूमिका केवल प्रशिक्षण तक ही सीमित नहीं है। वे "लखपति महिला कार्यक्रम" के तहत भी एक अहम भूमिका निभा रही हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
कृषि सखियां महिला किसानों के लिए कृषि और पशु पाठशालाओं का आयोजन कर रही हैं, जहां वे ऋतु आधारित कृषि और पशु गतिविधियों की योजनाएं बना रही हैं। इसके अलावा, वे महिलाओं को सतत कृषि तकनीकों से अवगत कराकर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए मार्गदर्शन कर रही हैं।

पशुधन प्रबंधन में भी योगदान
कृषि सखियों का योगदान केवल कृषि तक ही सीमित नहीं है। वे पशुधन प्रबंधन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। वे किसानों को पशुधन के बेहतर प्रबंधन के तरीके सिखा रही हैं और उन्हें बुनियादी प्रबंधन पद्धतियों में मदद कर रही हैं। इसके अतिरिक्त, "लखपति महिला कार्यक्रम" के तहत संभावित लखपति दीदी का चयन कर, उनकी आजीविका संवर्धन योजना का निर्माण और ग्राम समृद्धि एवं सक्षमता योजना के अंतर्गत आजीविका संवर्धन की मांगों का संकलन भी कर रही हैं।

ग्रामीण महिलाएं कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर
कृषि सखी योजना से यूपी सरकार न महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक अत्यधिक प्रभावी और महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं न केवल कृषि में आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि वे अपने गांवों में एक प्रेरणास्रोत के रूप में उभर रही हैं। इस योजना से महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का मार्ग मिल रहा है, जिससे वे अपने परिवार और समुदाय के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में इन महिलाओं के योगदान से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।

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