UP News : यूपी में स्टार्टअप को लेकर बड़ा फैसला, एक साल तक भरण-पोषण भत्ता देगी सरकार

यूपी में स्टार्टअप को लेकर बड़ा फैसला, एक साल तक भरण-पोषण भत्ता देगी सरकार
UPT | स्टार्टअप इंडिया।

Jun 21, 2024 19:34

नवाचार और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए यूपी में 60 से अधिक तकनीकी संस्थानों को इन्क्यूबेटर सेंटर के रूप में मान्यता प्रदान की गई है, जो स्टार्टअप्स को तकनीकी सहयोग प्रदान करते हैं।

Jun 21, 2024 19:34

Short Highlights
  • यूपी में 60 से अधिक तकनीकी संस्थानों को इन्क्यूबेटर सेंटर के रूप में मान्यता
  • पूर्वांचल, बुंदेलखंड में पंजीकृत स्टार्टअप्स को 50 प्रतिशत अधिक अनुदान 

 

Lucknow News : यूपी में स्टार्टअप इंडिया के तहत पंजीकृत कंपनियों के स्टार्टअप्स के लिए रियायतें और सुविधाएं आसान कर दी गई हैं। इसके लिए स्टार्टअप नीतियों संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन प्रोत्साहनों में भरण-पोषण भत्ता, प्रोटोटाइप अनुदान, सीड कैपिटल, पेटेंट फाइलिंग लागत और आयोजनों में भागीदारी के लिए लाभ शामिल हैं। आईटी विभाग ने स्टार्टअप नीति के तहत दी जाने वाली सुविधाओं के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

तकनीकी सहयोग के लिए इन्क्यूबेटर सेंटर को मान्यता 
नवाचार और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए यूपी में 60 से अधिक तकनीकी संस्थानों को इन्क्यूबेटर सेंटर के रूप में मान्यता प्रदान की गई है, जो स्टार्टअप्स को तकनीकी सहयोग प्रदान करते हैं। इन सेंटरों से जुड़े स्टार्टअप्स को मदद दी जाएगी और उनके द्वारा संस्तुति किए गए अनुदानों की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। आवेदनों की समीक्षा मूल्यांकन समिति करेगी और निर्णय लेगी।

17500 रुपए प्रति माह तक होगा स्टाइपेंड
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर ने बताया कि स्टार्टअप को प्रोत्साहन, अनुमोदन और वितरण की प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। पहले से चल रहे किसी कारोबार के बंटवारे या रिन्यूअल के चलते बनी किसी यूनिट को स्टार्टअप नहीं माना जाएगा। एक इनक्यूबेटर पर पंजीकृत अधिकतम 25 स्टार्टअप्स को शुरुआती या परिकल्पना के स्तर पर एक साल तक स्टाइपेंड मिलेगा, जो 17500 रुपए प्रति माह तक होगा। यदि 27 प्रतिशत से अधिक शेयर होल्डर महिलाएं, दिव्यांग या ट्रांसजेंडर हैं, तो 50 प्रतिशत अतिरिक्त स्टाइपेंड मिलेगा। सर्कुलर इकॉनमी, ग्रामीण क्षेत्र, सस्टेनेबिलिटी, रिन्यूएबल एनर्जी और जलवायु परिवर्तन से संबंधित स्टार्टअप्स को भी 50 प्रतिशत अतिरिक्त स्टाइपेंड मिलेगा।

पांच लाख तक प्रोटोटाइप अनुदान दिया जायेगा 
स्टार्टअप्स को 5 लाख रुपए तक का प्रोटोटाइप अनुदान भी मिलेगा, जिसमें अतिरिक्त सब्सिडी की व्यवस्था नहीं होगी। प्रॉडक्ट को बाजार में लाने के लिए भी आर्थिक मदद दी जाएगी। एक स्टार्टअप को 7.5 लाख रुपए तक की सहायता सीड कैपिटल के रूप में मिलेगी। महिलाओं, दिव्यांगों, ट्रांसजेंडर, आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों की अगुआई वाले और पूर्वांचल या बुंदेलखंड में पंजीकृत स्टार्टअप्स को 50 प्रतिशत अधिक अनुदान मिलेगा। सस्टेनेबिलिटी और रिन्यूएबल एनर्जी, जलवायु परिवर्तन से संबंधित स्टार्टअप्स भी इस सुविधा के पात्र होंगे।

पेटेंट कराने के लिए मिलेगी सहायता राशि 
सरकार स्टार्टअप्स को पेटेंट कराने में भी मदद करेगी। भारतीय पेटेंट के लिए 2 लाख रुपए और विदेशी पेटेंट के लिए 10 लाख रुपए तक का अनुदान मिलेगा। राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी पर 50 हजार और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी के लिए 1 लाख रुपए तक की सहायता मिलेगी। यदि किसी जांच में पाया जाता है कि स्टार्टअप ने गलत जानकारी देकर सब्सिडी प्राप्त की है, तो दी गई धनराशि 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वसूल की जाएगी और अन्य कानूनी कदम उठाए जाएंगे। अगर स्टार्टअप यह पैसा नहीं लौटाता है, तो इनक्यूबेटर से वसूली की जाएगी।

स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए ये शर्तें करनी होंगी पूरी
•    उत्तर प्रदेश में स्थापित और स्टार्टअप इंडिया में पंजीकृत हों।
•    पंजीकरण की तिथि से 10 वर्षों तक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या साझेदारी फर्म के रूप में पंजीकृत होनी चाहिए।
•    पंजीकरण के समय किसी भी वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक टर्नओवर नहीं होना चाहिए।
•    उत्पादों या सेवाओं में नवाचार और सुधार की दिशा में कार्यरत हों।
•    रोजगार के अवसर बढ़ाने की क्षमता वाला मॉडल होना चाहिए। 

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