यूपी में डिप्थीरिया संक्रमण पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट : 42 जिलों के विद्यालयों में लगाए जाएंगे टीडी-डीपीटी के टीके

42 जिलों के विद्यालयों में लगाए जाएंगे टीडी-डीपीटी के टीके
UPT | Diphtheria infection

Sep 17, 2024 18:46

डिप्थीरिया से बचने के लिए डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह, 16-24 माह और 5-6 साल की उम्र में डीपीटी का बूस्टर लगवाना आवश्यक है। इसके अलावा 10 और 16 साल की उम्र में डिप्थीरिया और टिटेनस के टीके दिए जाते हैं।

Sep 17, 2024 18:46

Lucknow News : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में डिप्थीरिया के संक्रमण के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। डिप्थीरिया को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश के परिवार कल्याण महानिदेशक, डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने 42 जिलों के चयनित ब्लॉकों में स्कूलों में टिटेनस और डिप्थीरिया (टीडी) और डिप्थीरिया, परट्युसिस, टिटेनस (डीपीटी) टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

टीकाकरण योजना
महानिदेशक ने बताया कि डिप्थीरिया, जिसे सामान्य भाषा में गलघोंटू भी कहा जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। इसलिए, विद्यालयों में बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। सभी जिलों के प्रतिरक्षण अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा विभाग के साथ मिलकर टीकाकरण की कार्ययोजना बनाएं। साथ ही, एएनएम को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्रों के विद्यालयों की सूची तैयार करें और योजना को सफलतापूर्वक लागू करें।

टीकाकरण का लक्ष्य
अभियान के अंतर्गत 5 साल की आयु के बच्चों को डीपीटी-2 बूस्टर, 10 साल के बच्चों को टीडी-10 और 16 साल के बच्चों को टीडी-16 टीके लगाए जाएंगे। आशा कार्यकर्ता और एएनएम शिक्षा विभाग के साथ मिलकर अभिभावकों को जागरूक करेंगे और उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित करेंगे।

स्वास्थ्य अधिकारी का बयान
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता के अनुसार यह अभियान सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में चलाया जाएगा। डिप्थीरिया एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है और इसके लक्षण संक्रमण के 2-4 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैलता है, जिससे बच्चे और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं।

डिप्थीरिया के लक्षण और बचाव
डिप्थीरिया के लक्षणों में बुखार, जुकाम, सिर दर्द, नाक बहना, गले की सूजन, कमजोरी और कब्ज शामिल हैं। बचाव के लिए नियमित रूप से डीपीटी और टीडी टीकाकरण करवाना जरूरी है।

बीमारी से बचने के उपाय
  • डिप्थीरिया से बचने के लिए डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह, 16-24 माह और 5-6 साल की उम्र में डीपीटी का बूस्टर लगवाना आवश्यक है।
  • इसके अलावा 10 और 16 साल की उम्र में डिप्थीरिया और टिटेनस के टीके दिए जाते हैं।
  • सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह टीके निःशुल्क उपलब्ध हैं, और प्रत्येक बुधवार और शनिवार को एएनएम द्वारा गांव में टीकाकरण किया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों का नियमित टीकाकरण करवाएं और बीमारी से बचाव के लिए सावधानी बरतें।

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