खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड पेमेंट के लिए कई रिमांइडर भेज चुका है। बेसिक शिक्षा महकमे ने अब तक इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। बोर्ड का कहना है कि भुगतान नहीं होने से वह बुनकरों को पारिश्रमिक की धनराशि नहीं दे पा रहा है।
UP News : खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने बेसिक शिक्षा विभाग को दी कोर्ट में जाने की धमकी, जानें वजह
Sep 13, 2024 00:36
Sep 13, 2024 00:36
बेसिक शिक्षा विभाग भुगतान को लेकर नहीं गंभीर
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का आरोप है कि बीते पांच वर्षों से वह अपने बकाया भुगतान को लेकर कई पत्र लिख चुका है। इसके बाद भी कई जिलों के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इस पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। बकाया भुगतान को लेकर वह गंभीर नहीं है। ऐसे में बोर्ड ने अब कड़ा पत्र लिखते हुए विभाग के खिलाफ कोर्ट जाने की धमकी दी है। उधर इसके बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने इस बारे में संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
कोविड 19 के दौरान किया गया ऑर्डर
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उज्ज्वल कुमार की ओर से बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल को बकाया धनराशि के भुगतान के लिए चिट्ठी लिखी गई है। कोविड 19 के दौरान वर्ष 2019-20 में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की मदद से परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए स्कूली ड्रेस बनवाने की पहल की गई थी। इसका मकसद खादी संस्थाओं व बुनकरों को काम उपलब्ध कराना था।
इन जनपदों में की गई ड्रेस आपूर्ति
बताया जा रहा है कि वर्ष 2019-20 में लखनऊ के मोहनलालगंज ब्लॉक, बहराइच के महसी, विश्वेश्वरगंज, रिसिया, सीतापुर के सिधौली और मीरजापुर के छानबे के विद्यालयों में खादी की 88.82 लाख रुपये कीमत की स्कूली ड्रेस की आपूर्ति की गई। इसे बाद वर्ष 2020-21 में लखनऊ के चिनहट, एटा के अवागढ़, अंबेडकर नगर के कटेहरी, शामली के शामली नगर क्षेत्र, मुरादाबाद के मुरादाबाद ग्रामीण, वाराणसी के चोलापुर, सीतापुर के लहरपुर व कानपुर के शिवराजपुर में 76.67 करोड़ की स्कूली ड्रेस की आपूर्ति की गई। इस तरह कुल 1.65 करोड़ रुपये धनराशि की स्कूल ड्रेस की आपूर्ति की गई।
बुनकरों को भुगतान नहीं कर पा रहा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड
इस पेमेंट के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड अब तक कई रिमांइडर भेज चुका है। लेकिन, अब तक बेसिक शिक्षा महकमे ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का कहना है कि भुगतान नहीं होने से वह बुनकरों को पारिश्रमिक की धनराशि नहीं दे पा रहा है। ऐसे में अब वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। इसके बाद महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने लखनऊ, मुरादाबाद, वाराणसी, कानपुर, एटा, अंबेडकरनगर, शामली, बहराइच, सीतापुर और मीरजापुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब-तलब किया है। इसमें भुगतान नहीं करने को लेकर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसके बाद माना जा रह है कि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के भुगतान में तेजी हो सकती है।
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