झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए अग्निकांड के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में फायर और सेफ्टी ऑडिट को नए सिरे से कराने का आदेश दिया। इसके तहत बिजली विभाग और अग्नि सुरक्षा विभाग की ऑडिट रिपोर्ट्स की समीक्षा की गई।
मेडिकल संस्थानों में अग्नि सुरक्षा पर सख्ती : खामियां मिलीं तो प्रधानाचार्य जिम्मेदार, फायर ऑडिट फिर से शुरू
Nov 27, 2024 11:40
Nov 27, 2024 11:40
झांसी अग्निकांड के बाद बढ़ी सतर्कता
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए अग्निकांड के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में फायर और सेफ्टी ऑडिट को नए सिरे से कराने का आदेश दिया। इसके तहत बिजली विभाग और अग्नि सुरक्षा विभाग की ऑडिट रिपोर्ट्स की समीक्षा की गई। खामियों को सुधारने और सुरक्षा के नए मानकों को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
चेक लिस्ट में जोड़े गए महत्वपूर्ण बिंदु
महानिदेशालय से भेजी गई नई चेक लिस्ट में सुरक्षा के कई नए मानक जोड़े गए हैं। इन बिंदुओं के तहत संस्थानों से यह जानकारी मांगी गई है:
- क्या कोई उपकरण एक्सटेंशन बोर्ड से चल रहा है?
- क्या छह महीने में इलेक्ट्रिक लोड का ऑडिट किया गया है?
- फायर अलार्म और अन्य सुविधाओं की जांच कब की गई है?
- क्या फायर फाइटिंग सिस्टम की एक्सपायरी तिथि जांच ली गई है?
- क्या इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था उपलब्ध है?
- क्या आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर में ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम लगा हुआ है?
महानिदेशालय ने संस्थानों के निदेशकों और कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी प्रकार की खामियां पाई जाती हैं और इससे भविष्य में कोई घटना होती है, तो वे स्वयं जिम्मेदार माने जाएंगे। इस सख्ती का उद्देश्य सुरक्षा के मानकों को पूरी तरह लागू करना और संभावित खतरों को टालना है।
संस्थानों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा
सुरक्षा के मानकों को लागू करने के लिए प्रमुख सवाल पूछे गए हैं, जिनमें अग्नि सुरक्षा उपकरणों की स्थिति, तारों की सही पैकिंग, और इमरजेंसी सुविधाओं की उपलब्धता जैसे विषय शामिल हैं। संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि सभी उपकरण सही स्थिति में होने चाहिए और नियमित रूप से उनकी जांच होनी चाहिए।
संभावित जोखिमों को रोकने के लिए सक्रियता
इस ऑडिट का उद्देश्य चिकित्सा संस्थानों में संभावित खतरों को समय रहते रोकना है। हाल की घटनाओं ने यह स्पष्ट किया है कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है। इसीलिए फायर सेफ्टी को लेकर पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
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