Lucknow News : महिला-यौन उत्पीड़न पर सीएम योगी बोले-यूपी सजा दिलाने में देश में तीसरे नंबर पर, रेप के मामलों में 25.30 प्रतिशत की कमी

महिला-यौन उत्पीड़न पर सीएम योगी बोले-यूपी सजा दिलाने में देश में तीसरे नंबर पर, रेप के मामलों में 25.30 प्रतिशत की कमी
UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Jul 31, 2024 01:06

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से 2024 तक पॉस्को अधिनियम अंतर्गत 9875 अभियोगों में सजा दिलाई गई है। इसके साथ ही 2022 से 2024 के बीच महिलाओं के विरुद्ध पॉस्को अपराध में 16718 अभियुक्तों को सजा दी गई।

Jul 31, 2024 01:06

Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को महिला व बच्चों पर होने वाले अपराधों के मामलों में कार्रवाई के आंकड़े पेश करते हुए दावा किया कि सरकार में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है और ऐसे प्रकरणों में सजा देने में देश में उत्तर प्रदेश का तीसरा स्थाना है। उन्होंने 'लड़के हैं गलती कर जाते हैं' का जिक्र करते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना भी साधा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सपा की सदस्य डॉ. रागिनी सोनकर के पूछे सवाल का जवाब​ देते हुए ये बात कही।

24402 प्रकरण में अभियुक्तों को दिलाई सजा 
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिला बाल सुरक्षा के मुद्दे केवल बाहरी ही नहीं घर के अंदर और घर के बाहर दोनों होते हैं। सरकार ने इस को रोकने के लिए जो प्रयास किये उसकी तुलना करें तो 2016 की तुलना में दहेज की घटनाएं 23-24 में 17.5 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म के मामलों में 2016-17 से 2023-24 की तुलना में 25.30 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह 2017 से 2024 के बीच महिला और नाबालिग बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामलों में सरकार के प्रॉसिक्यूशन तेज करने के परिणाम सामने आए हैं। इनमें 24402 प्रकरण में अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है।

पॉस्को अपराध में 16718 अभियुक्तों को सजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से 2024 तक पॉस्को अधिनियम अंतर्गत 9875 अभियोगों में सजा दिलाई गई है। इसके साथ ही 2022 से 2024 के बीच महिलाओं के विरुद्ध पॉस्को अपराध में 16718 अभियुक्तों को सजा दी गई। 21 अभियुक्तों को मृत्यदंड, 1713 आजीवन कारावास, 4653 को दस वर्ष या अधिक का कारावास, 10331 को दस वर्ष के कम के कारावास की कार्रवाई हुई।

इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम किया एक्टिव
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस दिशा में हुए अन्य प्रयास में इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंसेज को लेकर हमने 2018 से ही पोर्टल एक्टिव किया है। इसके तहत प्रदेश के अंदर प्रॉपर मॉनीटरिंग की गई है, जिसका परिणाम है कि पेंडेंसी रेट में तेजी से कमी दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश पेंडेंसी रेट में देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि इन मामलों के तहत अपराधियों को सजा दिलाने के मामले में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। ई प्रॉसीक्यूशन में उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक स्थान पर है।

महिला-बाल अपराध संबंधी अभियोगों के निस्तारण में यूपी पहले स्थान पर
महिला और बाल अपराध संबंधी अभियोगों के निस्तारण में यूपी देश में प्रथम स्थान पर है। इस दौरान लगभग 98 प्रतिशत से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए 181 की सेवा है, जबकि बाहर के अपराधों के लिए 1090 की सेवा उपलब्ध कराई गई है। इन सब सेवाओं को 112 के साथ इंटीग्रेड किया गया है। इसके साथ ही हर जनपद में एक महिला थाना स्थापित करने के साथ ही एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थानाध्यक्ष को उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में 1585 थानों में अलग से एक महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है। 

पांच वर्षों में की महिला पुलिस कर्मियों की दोगुनी भर्ती 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2020 से हमारी सरकार ने मिशन शक्ति के अभियान को आगे बढ़ाया है। इसके अंतर्गत पिछले 7 वर्ष में लगभग डेढ़ लाख पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई है। 2017 के पहले तक कुल 10 हजार महिला कार्मिकों की भर्ती हुई थी, जबकि 2017 से 2022-23 के बीच प्रदेश में 20 हजार से अधिक महिला पुलिस कांस्टेबल की भर्ती करने में सफलता प्राप्त हुई है। यानी आजादी के बाद 70 वर्षों में जितनी महिला पुलिस कार्मिकों की भर्तियां हुई थीं, उससे दोगुनी भर्ती महज 5 वर्षों में हमने की है। 

10 हजार से अधिक महिला बीट स्टेशन तैयार
उन्होंने कहा कि पुलिस की भर्ती में महिलाओं को 20 प्रतिशत हॉरिजेंटल रिजर्वेशन की व्यवस्था प्राप्त हो सके, इसको अनिवार्य रूप से लागू किया गया। लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में महिला पीएसी के गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाया। जो पुलिस कार्मिक महिलाएं भर्ती हुईं वो केवल ऑफिस या थाने तक ही सीमित न रहें, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ शासन की योजनाओं को उन तक पहुंचाने में भी सहयोगी बने, इसके लिए प्रदेश के अंदर 10 हजार से अधिक महिला बीट स्टेशन तैयार किए गए, महिला पिंक बूथ की स्थापना की गई। ये भी व्यवस्था की गई कि ये महिला बीट पुलिस अधिकारी मिशन शक्ति के अंतर्गत हर सप्ताह महिलाओं के पास जाएं और महिला संबंधी मुद्दों पर चर्चा करें। यही नहीं, मुद्दों के समाधान के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा, उनके स्किल डेवलपमेंट, उनके स्वावलंबन से संबंधित योजनाओं से महिलाओं को अवगत कराएं।

सपा ने किया था एंटी रोमियो स्क्वायड का​ विरोध
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिला सुरक्षा के लिए गंभीर है। इसीलिए 2017 में आने के बाद पहला काम एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया। उन्होंने कहा कि विरोधी दल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसका सबसे पहले विरोध समाजवादी पार्टी ने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ये भी बोलने में कोई संकोच नहीं है कि महिला संबंधी अपराध में सबसे ज्यादा इन्वॉल्व समाजवादी पार्टी के लोग पाए जाते हैं। यही नहीं ये लोग उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने कहा था 'लड़के हैं गलती कर जाते है।'

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