यूपी रेरा से बड़ी खबर : अब आवंटियों के खिलाफ बिल्डरों की शिकायत सुनी जाएगी, एओए और आरडब्ल्यूए को भी मौका

अब आवंटियों के खिलाफ बिल्डरों की शिकायत सुनी जाएगी, एओए और आरडब्ल्यूए को भी मौका
UPT | Symbolic Image

Sep 12, 2024 02:23

उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने अपने लखनऊ मुख्यालय में स्थायी खण्ड-पीठ की स्थापना की है। यह खण्ड-पीठ प्रदेशभर की विशिष्ट प्रकृति की शिकायतों की सुनवाई करेगी।

Sep 12, 2024 02:23

Short Highlights
  • खण्ड-पीठ की स्थापना का उद्देश्य शिकायतों के निस्तारण में तेजी
  • दायर शिकायतों को भी प्राथमिकता के आधार पर सुना जाएगा
Lucknow News : उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने अपने लखनऊ मुख्यालय में स्थायी खण्ड-पीठ की स्थापना की है। यह खण्ड-पीठ प्रदेशभर की विशिष्ट प्रकृति की शिकायतों की सुनवाई करेगी। यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी इस खण्ड-पीठ की अध्यक्षता करेंगे।

नई बैंच क्या काम करेगी
स्थायी खण्ड-पीठ मुख्य रूप से प्रोमोटर्स द्वारा आवंटियों के विरुद्ध दायर की गई शिकायतों (क्रॉस-कम्प्लैन्ट) और ऐसी परियोजनाओं की शिकायतों की सुनवाई करेगी, जहां दस या उससे अधिक आवंटियों ने शिकायत दर्ज की हो। इसके अलावा, आवंटियों के संघ (एओए) और निवासियों के संघ (आरडब्लूए) द्वारा दायर शिकायतों को भी प्राथमिकता के आधार पर सुना जाएगा।

कामकाज में तेजी आएगी
इस खण्ड-पीठ की स्थापना का उद्देश्य शिकायतों के निस्तारण में तेजी लाना और निर्णय प्रक्रिया में एकरूपता सुनिश्चित करना है। संजय भूसरेड्डी ने कहा कि यह व्यवस्था आवंटियों और अन्य हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी, जिससे उन्हें शीघ्र और संपूर्ण न्याय मिलेगा। साथ ही, इससे रेरा की एकल पीठों को अपने पास विचाराधीन शिकायतों के निस्तारण में अधिक समय और गति प्राप्त होगी। उप्र रेरा के अनुसार, इस नई व्यवस्था से न केवल शिकायतों के निस्तारण में सुधार होगा, बल्कि आदेशों के कार्यान्वयन में भी आसानी होगी। रेरा का मुख्य उद्देश्य आवंटियों को शीघ्र न्याय प्रदान करना है।

Also Read

73 जिलों में हाईटेक पौधशालाएं बनाने की कवायद

18 Sep 2024 02:04 PM

लखनऊ यूपी में फलों-सब्जियों की खेती से मिलेगा रोजगार और पोषण सुरक्षा : 73 जिलों में हाईटेक पौधशालाएं बनाने की कवायद

मनरेगा योजना के तहत अब तक 36 हाईटेक पौधशालाओं का निर्माण पूरा हो चुका है। वहीं 16 और पौधशालाएं जल्द ही तैयार की जाएंगी। इन पौधशालाओं में पौधों को नियंत्रित तापमान और नमी में तैयार किया जाएगा, जिससे वे स्वस्थ और रोगमुक्त रहेंगे। इन पौधों से तैयार फसलें गुणवत्ता में बेहतर होंगी। और पढ़ें